लोहरदगा में दुर्घटना एवं बीमा क्लेम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला

लोहरदगा, 21 सितंबर (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने मोटर वाहन दुर्घटना एवं बीमा क्लेम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन व्यवहार न्यायालय, लोहरदगा परिसर स्थित सभागार में किया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा आर के मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुभाष, एडीजे द्वितीय नीरजा आसरी सहित अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा आर के मिश्रा ने कहा कि मोटर दुर्घटना में पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाना हम सभी का कर्तव्य है। यह परोपकार का काम है। इस कार्य में गतिशील रहे। साथ ही केस जरूर दर्ज करें। एडीजे द्वितीय नीरजा आशरी ने कहा कि प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट 48 घंटे में न्यायालय में जमा करें। उन्होंने कहा कि एमएसीसी 199ए के तहत नाबालिक द्वारा वाहन चलते हुए पकड़े जाने पर वाहन मालिक और अभिभावक पर कार्यवाई होगी।

उन्होंने सड़क दुर्घटना के बाद भरे जाने वाले विभिन्न फार्मों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही कहा कि घटना स्थल, वाहन, घायल और मृतक का फोटो और विडियो जरूर बनाएं। साथ ही आसपास कर लोगों से घटना की जानकारी लें ताकि मामले पर सही से कार्रवाई हो सके। डालसा सचिव राजेश कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना मामले पर सुप्रीम कोर्ट लगातार निगरानी कर रही है। किसी भी पीड़ित को मुआवजा दिलाने में पुलिस, अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनी महत्वपूर्ण कड़ी है। आपके द्वारा किया गया कार्य पीड़ित को मुआवजा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सड़क दुर्घटना मामले में कई नए नियम लाई है। साथ ही नियमों के अनुपालन को लेकर काफी सख्त है। आपके अच्छे और सही कार्य से एक पीड़ित को मुआवजा मिल सकता है, जो उसके भरण पोषण में सहायक साबित होगा। कार्यशाला में मोटर वाहन से जुड़े अधिवक्ता सीपी पाठक ने कहा कि दुर्घटना मामले में पुलिस का काम काफी महत्वपूर्ण है। अधिवक्ता जेपीएन सिन्हा ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सर्व प्रथम इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जाए। यह सबसे बड़ा पुण्य काम है। दोनों अधिवक्ताओं ने पीड़ित मुआवजा से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला में एलएडीसीएस के अधिवक्ता, मध्यस्थता केंद्र के अधिवक्ता, विभिन्न थानों के पुलिस अधिकारी, सदर अस्पताल के प्रतिनिधि एवं डालसा के पीएलवी उपस्थित थे।

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