नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने डॉक्टर सुसाइड मामले में दोषी करार आम आदमी पार्टी के देवली से विधायक प्रकाश जारवाल की सजा की अवधि पर सुनवाई टाल दी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 30 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। शनिवार को प्रकाश जारवाल की ओर से इस मामले में कुछ साक्ष्य रखने की अनुमति मांगी गई। उसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस पर उचित अर्जी दाखिल करें। इस मामले के एक आरोपित हरीश जारवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी ठहराये जाने के आदेश को चुनौती दी है।
उल्लेखनीय है कि नौ जुलाई को विधिक सहायता प्राधिकार ने दोषियों की भुगतान क्षमता और पीड़ित पर हुए प्रभाव का आकलन संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था। इसके पहले 18 मई को दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले की पैरवी करने में अभियोजन पक्ष की ओर से आए खर्च का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल किया गया था। कोर्ट ने 28 फरवरी को तीनों आरोपितों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने प्रकाश जारवाल और कपिल नागर को भारतीय दंड संहिता की धारा 306, 34, 120बी, 386, 506 और 511 के तहत दोषी करार दिया था। साथ ही हरीश कुमार जारवाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत दोषी करार दिया था। इस मामले में कोर्ट ने हरीश जारवाल को धारा 306 और 386 के आरोपों से मुक्त कर दिया जबकि धारा 506 का आरोप तय करने का आदेश दिया था।
28 अगस्त, 2021 को दिल्ली पुलिस ने प्रकाश जारवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में प्रकाश जारवाल के अलावा कपिल नागर और हरीश कुमार जारवाल को आरोपित बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल, 2020 को डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। पुलिस ने डॉक्टर के यहां दो पेज का सुसाइड नोट बरामद किया था। उसमें प्रकाश जारवाल और कपिल नागर को जिम्मेदार ठहराया गया था। पुलिस ने एक डायरी भी बरामद की थी, जिसमें डॉक्टर के कुछ पानी के टैंकर जल बोर्ड में चलने की बात कही गई थी। डायरी में उन टैंकर्स के लिए प्रकाश जारवाल पर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया था।