मंडी, 20 सितंबर (हि.स.)। चंडीगढ़ मनाली फोरलेन के निर्माण की गुणवता को लेकर लगातार सवाल खड़े होते आए हैं मगर अब तो यह साक्षात तौर पर सामने आने लगा है। इस मार्ग पर मंडी के पंडोह और थलौट के बीच अधिकांश मार्ग सुरंगों से होकर गुजर रहा है। इनमें एक सुरंग जो मंडी से 22 किलोमीटर आगे डयोड के पास है उसका काम अभी अधूरा है जबकि बाकी सब तैयार होकर यातायात के लिए खुली हैं। इस सबसे लंबी सुरंग का काम यूं तो पेमेंट की अदायगी आदि के पेच के चलते चार महीने से बंद है मगर बीते दिन अचानक इस सुरंग के उपर पहाड़ी पर जहां से होकर गांव हटौण के लिए सड़क गुजर रही है वह सुरंग से यह लगभग 200 फीट उपर है पर जमीन धंसी और लगभग 15 फीट चौड़ाई के आकार का गड्ढा बन गया।
गुरूवार को यह गड्ढा और बड़ा हो गया। ठीक इसी जगह पर गांव हटौण के 20 घर भी हैं जिनमें पहले सुरंग निर्माण को चलते कुछ दरारें आई थी और अब इस गड्ढे के बन जाने से पूरे गांव के ही धंसने का खतरा पैदा हो गया है। इस गड्ढे को देख कर ग्रामीणों के होश उड़ गए।
ग्रामीणों हरदेव शर्मा, कशमीर सिंह, गीता देवी व कोयला देवी आदि ने बताया कि उनके घरों में सुरंग निर्माण के चलते ही दरारें आ गई थी मगर अब जो गड्ढा ही पड़ गया है तो घरों के जमींदोज हो जाने की खतरा बन गया है। इस सुरंग का निर्माण शाहपुरजी- पलौनजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। यह गड्ढा लगातार बढ़ता जा रहा है। दहशत के मारे कुछ परिवार यहां से चले गए तथा दूसरों के घरों मंे जाकर रात काटी।
बच्चे भी गुरूवार को स्कूल नहीं जा सके हैं क्योंकि हटोण गांव की सड़क में ही यह गड्ढा बना है उसकी प्राथमिक पाठशाला का भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। गुरूवार को खतरे को देखते हुए कंपनी व प्रशासन के अधिकारियों ने मौका किया और 8 लोगों के मकान खाली करवा कर उन्हें सुरक्षित जगह पर भेज दिया। कुछ परिवारों ने किराए पर मकान लेकर अपना सामान शिफ्ट कर दिया है। इस सड़क को भी फीता लगाकर बंद कर दिया गया ताकि कोई गलती से इस गड्ढे में न गिर जाए।
प्रभावित परिवारों व स्थानीय निवासियों ने गुरूवार को टनल निर्माण कम्पनी शाहपुरजी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना गुबार निकाला। शाहपुलजी कम्पनी के टीम लीडर आदर्श ने एस डी एम सदर मंडी के मौका पर दिए आदेशों की अनुपालन करते हुए हटौण सड़क को तुरन्त बहाल करने का आश्वासन दिया। स्कूल को अन्य भवन में शिफ्ट करने के पूरे खर्च तथा स्कूली बच्चों को गाड़ी में लाने ले जाने का भी भरोसा दिया। गौशालाओं के लिए जी आई सीट देने तथा अन्य फोरी राहत देना स्वीकार किया।
गौरतलब है कि यह पूरी पहाड़ी की जमीन की तह नर्म है। ऐसे में नीचे सुरंग गुजर रही है और पहाड़ी पर जब 200 फीट उपर जाकर यह गड्ढा पड़ा है तो माना जा रहा है कि सारा पहाड़ हिल चुका है। ऐसे में इस काम को लेकर अब कई तरह के नए सवाल खड़े हो गए हैं।
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