कचुतली बेदखल मामले में लोगों को भ्रमित करने की कांग्रेस की साजिश: भाजपा

गुवाहाटी, 18 सितंबर (हि.स.)। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सोनापुर के कचुतली में ट्राईबल लैंड से संदिग्ध नागरिकों को किए गए बेदखल के मामले में कांग्रेस लोगों को भ्रमित कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा आदिवासी इलाकों और ब्लॉकों की सुरक्षा के लिए हाल ही में उठाए गए कड़े कदमों ने राज्य के लोगों को आश्वस्त किया है।

संदिग्ध अतिक्रमणकारियों से सोनापुर कचुतली के आदिवासी इलाकों को मुक्त करने के लिए सरकार के कड़े कदम को मूल निवासियों का व्यापक समर्थन मिला है। लेकिन, कांग्रेस और इंडी अलायंस से जुड़े राजनीतिक दल, जो अक्सर मूल निवासियों के खिलाफ रुख अपनाते रहे हैं, ने इसका विरोध किया है। ऐसे में, जनता के गुस्से का शिकार रही कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाने की साजिश कर रही है। इसलिए, इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।

राजधानी के बशिष्ठ स्थित पार्टी मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन में आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनोज बरुवा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का मूलनिवासी विरोधी रुख असम के लिए नया नहीं है। 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से दो दशकों से सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ने समझौते के अनुच्छेद 6 को लागू नहीं किया है।

इस मामले में जनता की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। आज जबकि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाले आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए समयबद्ध कदम उठाने की घोषणा की है, कांग्रेस पार्टी का इसका चतुराईपूर्ण विरोध कांग्रेस के मूलनिवासी विरोधी चरित्र का प्रतिबिंब है।

राज्य सरकार पहले ही क्रांतिकारी बदलाव कर चुकी है। बिप्लब कुमार शर्मा आयोग की 67 सिफारिशों में से राज्य सरकार द्वारा कवर की गई 57 सिफारिशें रंगाली बिहू से पहले लागू की जाएंगी और केंद्र सरकार द्वारा कवर की गई शेष 10 सिफारिशें केंद्र सरकार के साथ चर्चा के माध्यम से आगे बढ़ाई जाएंगी। भाजपा ने कहा कि असम की जनता कांग्रेस नेता भूपेन बोरा और देवब्रत शइकिया द्वारा आधारहीन बयानों के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश को स्वीकार नहीं करेगी। कांग्रेस पार्टी, जिसने अपने शासन के दौरान असम के छह जातीय समूहों के जनजातीयकरण के संबंध में औपचारिक जटिलताओं को बढ़ाया, अब इस मुद्दे का केवल राजनीतिक उपयोग करने की कोशिश कर रही है। भारतीय जनता पार्टी, असम प्रदेश कांग्रेस पार्टी को ऐसी प्रतिक्रियावादी साजिशों से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी है।

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