भाषा में इतिहास और संस्कृत का समावेशः विजय सिन्हा

वाराणसी, 14 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार द्वारा शनिवार को आयोजित भाषाई कला संगम 2024 के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति में सर्वेभवन्तु सुखिनः की परिकल्पना निहित है। हम अपने से ज्यादा औरों को तरजीह देते हैं, यह हमारे सनातन मूल्यों को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भाषा में इतिहास और संस्कृति का समावेश है।

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित त्रयंबकेश्वर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हम अपने सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करें और अपनी मर्यादा का पालन करें। जरूरी है कि हम अधिकारों के साथ मर्यादा की भी बात करें। कर्तव्य बोध के साथ भारतीय भाषा के संचयन और उसके प्रचार पर भी जोर देना आवश्यक है। आज भी हम अपनी ही भाषा के लिए चर्चा परिचर्चा करनी पड़ी रही है क्योंकि लोग अब इससे विरत होकर दूसरी संस्कृति और भाषा के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति से भाषा और संस्कृति का बहुत नुकसान हुआ है।

विजय सिन्हा ने आगे कहा कि आज एक माहौल बनाने की जरूरत है कि हम अपनी विरासत को बचाने के लिए अमृत काल की युवा पीढ़ी को तैयार करें। इसमें पंच प्रण की महती भूमिका है, जो युवाओं के मन में संस्कृति और भाषा के प्रति प्रेम उत्पन्न करे।

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