नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में राजभाषा हीरक जयंती समारोह एवं चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज गृह मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में फाइलें और पत्राचार हिन्दी में लिखे जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज गृह मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में फाइलें और पत्राचार हिन्दी में लिखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाषा एक अभिव्यक्ति है और अभिव्यक्ति मुखर तब होती है जब वह अपनी भाषा में हो। उन्होंने कहा, “मैं सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को बताना चाहता हूं कि मेरे जैसे व्यक्ति को भी सभी फाइलें हिन्दी में प्राप्त करने में तीन साल लग गए। मेरे मंत्रालयों (गृह और सहकारिता) में कोई भी संचार और फाइल अंग्रेजी में नहीं हैं, सभी फाइलें हिन्दी में हैं।”
भारतीय भाषाओं को बचाने में माताओं की भूमिका को अहम बताते हुए अमित शाह ने अभिभावकों से अपने बच्चों से उनकी मातृभाषा में ही बात करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “यदि कोई हमारी भाषाओं को बचा सकता है तो वो सिर्फ माताएं हैं।” उन्होंने सभी माता-पिता से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों से उनकी मातृभाषा में ही बात करें। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो हमारी भाषाओं पर कोई आंच नहीं आएगी। हमारी भाषाएं लंबे समय तक देश और दुनिया की सेवा करती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि आने वाला समय राजभाषा और अन्य भारतीय भाषाओं का है। अब इस देश को कोई किसी भी तरह की गुलामी में नहीं रख सकता और न ही इसे कभी भाषा की गुलामी में रख सकता है। उन्हाेंने कहा कि आज हिन्दी संयुक्त राष्ट्र की भाषा बन गई है और 10 से अधिक देशों की दूसरी भाषा भी बन गई है। उन्होंने कहा कि हिन्दी अब अंतरराष्ट्रीय भाषा बनने की ओर अग्रसर है।
अमित शाह ने कहा कि हिन्दी और स्थानीय भाषाओं के बीच कभी प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकती क्योंकि हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। उन्होंने कहा कि हिन्दी और स्थानीय भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं और इसीलिए भारतीय भाषा अनुभाग के माध्यम से हिन्दी और सभी स्थानीय भाषाओं के बीच सौहार्द को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई लेख, भाषण या पत्र हिन्दी में है तो भारतीय भाषा अनुभाग उसका देश की सभी भाषाओं में अनुवाद करेगा। इसी तरह देश की सभी भाषाओं के साहित्य, लेख और भाषणों का हिन्दी में अनुवाद किया जाएगा जो समय की मांग है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा कि एक बच्चे के लिए भाषाई अभिव्यक्ति, सोच, समझ, तर्क, विश्लेषण और किसी निर्णय पर पहुंचने की सबसे आसान भाषा उसकी मातृभाषा ही होती है।
गृह मंत्री ने इस अवसर के लिए विशेष रूप से तैयार की गई ‘राजभाषा भारती’ पत्रिका के हीरक जयंती विशेषांक का विमोचन किया। उन्हाेंने हीरक जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया। शाह ने राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी प्रदान किए। इस अवसर पर गृह मंत्री ने भारतीय भाषा अनुभाग का भी शुभारंभ किया।