बेदखल किए गए लोगों के बांग्लादेशी होने का संदेह: डीजीपी

गुवाहाटी, 13 सितंबर (हि.स.)। सोनापुर के कचुतली में बेदखल किए गए लोगों के बांग्लादेश से आने का संदेह है। पिछले महीने पुलिस ने सामान लेकर जा रहे दो ट्रैक्टरों को पकड़ा था। उन्होंने कहा कि कचुतली में अभी भी तनाव है। पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और छह अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कचुतली रोड से आम लोगों के लिए कोई रास्ता नहीं है। पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं।

उन्होंने कहा कि कचुतली में अतिरिक्त बल भी तैनात किये गये हैं। प्रशासन कचुतली में एक और बेदखली अभियान शुरू करने के लिए तैयार है। प्रशासन पांचवें दिन भी बेदखली अभियान चलाएगा। बेदखली स्थल पर पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। कुछ लोग बेदखली स्थल से चले गए हैं। सुबह से ही अतिक्रमणकारी अपना सामान लेकर जाने लगे हैं। गुरुवार को बेदखली स्थल रणक्षेत्र में बदल गया था।

उन्होंने कहा कि पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प में दो लोगों की मौत हो गई। दो अतिक्रमणकारियों की पहचान हैदर अली और जुवाहिद अली के रूप में हुई है। बेदखली अभियान में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और अतिक्रमणकारी घायल हुए हैं।

इसी बीच, पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने आज कचुतली का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत की। डीजीपी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि कल के हमले में तीसरी ताकतें शामिल थीं। उन्होंने कहा कि यह बिना किसी तीसरी ताकत के अचानक नहीं होता। गुवाहाटी पुलिस ने इस संदर्भ में मामले दर्ज किए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसी भी खबरें थीं कि कल रेलवे की संपत्ति को नष्ट करने का लक्ष्य था।

उन्होंने कहा कि इस जमीन के बारे में जानकारी मांगी गई थी। यह जमीन भूमि अधिनियम के तहत ‘आदिवासी बेल्ट’ की है। ‘आदिवासी बेल्ट’ के नाते पुलिस द्वारा बेदखल किए गए लोग अन्य वर्गों से थे। कल तक कुल 248 बीघा जमीन खाली कराई गई है। 151 परिवारों को बेदखल किया गया है और लगभग 300 घरों को बेदखल किया गया है। उन्होंने कहा कि बेदखली अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह पूरी नहीं हो जाती।

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