सिविक वोलंटियर को पुलिस बाइक की अनुमति कैसे मिली? थाना अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू

कोलकाता, 13 सितंबर (हि.स.)। कोलकाता पुलिस ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के दौरान एक सिविक वोलंटियर को गिरफ्तार किया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस घटना से जुड़े सिविक वोलंटियर के पुलिस बाइक इस्तेमाल करने की अनुमति कैसे मिली, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।

लालबाजार ने इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है। सिविक वोलंटियर को सरकारी बाइक इस्तेमाल करने की अनुमति देने के आरोप में एएसआई अनूप दत्ता के खिलाफ जांच हो रही है। साथ ही, पाटुली थाने के ओसी तीरथंकर डे के खिलाफ भी डॉक्टरों पर टिप्पणी करने के लिए विभागीय जांच शुरू की गई है।

गिरफ्तार सिविक वोलंटियर 2019 में पुलिस के साथ जुड़ा था और पहले कोलकाता पुलिस के डिज़ास्टर मैनेजमेंट ग्रुप (डीएमजी) में काम कर रहा था। कुछ समय बाद उसे पुलिस वेलफेयर कमिटी में भेजा गया, जहां एएसआई अनूप भी सदस्य थे। यही नहीं, वह ‘केपी’ (कोलकाता पुलिस) लिखी हुई बाइक का इस्तेमाल करता था, जो पुलिस कमिश्नर के नाम पर पंजीकृत थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह ‘पुलिस’ लिखा हुआ टी-शर्ट पहनकर इलाके में घूमा करता था और लोग उसे पुलिसकर्मी मानते थे, हालांकि उसके पद की जानकारी किसी को नहीं थी।

आर.जी. कर मामले में इसी बाइक का इस्तेमाल करने के आरोप में अनूप के खिलाफ जांच शुरू की गई है।

दूसरी ओर, पाटुली थाने के ओसी तीरथंकर डे ने डॉक्टरों के आंदोलन का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि तुम लोग जीरो थे और जीरो ही रहोगे भले ही तीन रात क्यों न जग जाओ। उन्होंने डॉक्टरों को कामरेड कहकर संबोधित भी किया जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई है।

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