रायगढ़, 12 सितंबर (हि.स.)।चक्रधर समारोह की सांगीतिक यात्रा के समारोह की पांचवी शाम बुधवार को सिने जगत की प्रसिद्ध अदाकारा और भरतनाट्यम की विख्यात नृत्यांगना मीनाक्षी शेषाद्रि ने भरतनाट्यम की मनभावन प्रस्तुति दी। बीस साल बाद मीनाक्षी शेषाद्रि ने शास्त्रीय नृत्य का सफर रायगढ़ की सांगीतिक धरा से फिर से शुरू किया। उन्होंने भरतनाट्यम शैली में पंचदेव आराधना का बेहतरीन प्रस्तुतिकरण किया।
चक्रधर समारोह में मौजूद कला प्रेमियों के मन में देवी देवताओं के पांचों स्वरूप का भावविभोर करने वाला चित्रण उभर आया। अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने यूएसए से भारत वापसी के बीस साल के बाद रायगढ़ की सांगीतिक धरा में भरतनाट्यम की प्रथम प्रस्तुति दी है। उन्होंने भगवान श्री गणेश की स्तुति से आरंभ करते हुए नृत्य और उल्लास का बेहतरीन प्रदर्शन प्रभु नटराज शिव, मां सरस्वती, भगवान शिव के तांडव रूप, देवी के शांत, श्रृंगार सुंदरता रूप और मां चंडी के रूप सहित भगवान श्री कृष्ण के रूप का प्रदर्शन करते हुवे मंत्रमुग्ध करने वाला पंचदेव आराधना का प्रदर्शन किया।
नृत्य की चार शास्त्रीय विधा में पारंगत
मीनाक्षी शेषाद्रि का फिल्मी कैरियर में भी एक अलग पहचान है। इनके भीतर प्रख्यात फिल्मी पर्दे के इतर विशेष सांस्कृतिक संपन्नता है। इन्होंने बाल्यावस्था में महज तीन साल की उम्र से ही संगीत व नृत्य सीखना शुरू कर दिया था। वे एक, दो या तीन नहीं बल्कि भरतनाट्यम, कत्थक, ओडीसी और कुचीपुड़ी सहित चार शास्त्रीय विधा में पारंगत हैं।
ओडीसी और भरतनाट्यम की प्रस्तुति
उन्होंने चक्रधर समारोह में ओडीसी और भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति दी। इन्होंने पेंटर बाबू, दामिनी जैसी कई चर्चित फिल्मों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है। इन्होंने देश और देश से बाहर भी भरतनाट्यम का कई बड़े मंचों पर प्रदर्शन किया है।
कहा- यहां आकर उल्लास का अनुभव
उन्होंने चक्रधर समारोह में आए सभी दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा की यहां आकर मैं अपने भीतर बहुत ही उल्लास का अनुभव कर रही हूं। चक्रधर समारोह के अवसर पर रायगढ़ जिले में बहुत ही मनोरम वातावरण है। उन्होंने कहा की मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही मैं आपके सामने हूं। उन्होंने कहा की आज की तारीख उनके लिए बहुत ही खास है।