पटना, 11 सितम्बर (हि.स.)। पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गांधी मैदान सभा में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट के दोषियों की फांसी की सजा को 30 साल कैद में बदल दिया है। साथ ही जिन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी उनकी सजा को बरकरार रखा गया है।
जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया। हाई कोर्ट ने इम्तियाज आलम, हैदर अली, नुमान अंसारी व मोजीबुल्लाह अंसारी की फांसी की सजा में बदलाव किया है। गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामला 27 अक्टूबर, 2013 का है। उस दिन नरेन्द्र मोदी पटना में जनसभा को संबोधित करने आए थे। तभी सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इसे लेकर पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद 31 अक्टूबर, 2013 को एनआईए ने केस संभाला था।
इस मामले में हैदर अली, नुमान अंसारी, मजीबुल्लाह, उमर सिद्दिकी, फिरोज असलम, इम्तियाज आलम सहित नौ को सजा सुनाई गई। इसमें चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अब पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनआईए के स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने इस मामले में चार दोषियों हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मोजीबुल्लाह अंसारी और नुमान अंसारी को फांसी की सजा सुनाई थी।
उल्लेखनीय है कि गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद थे। उस दौरान वे गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। एनआईए अदालत ने इन सभी दोषियों को नम्बर 2021 में सजा सुनाई थी, जिसमें चार को फांसी के साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट ने इस मामले में इम्तियाज अंसारी पर 80 हजार रुपये और हैदर अली, मोजीबुल्लाह अंसारी और नुमान अंसारी पर 90 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया था।
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