कौशांबी मेडिकल कॉलेज रात्रि चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे

कौशांबी, 05 सितंबर (हि.स.)। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बीती रात बुधवार मुख्यालय स्थित मेडिकल काॅलेज का निरीक्षण किया। वह चिकित्सा की रात्रि व्यवस्था को देखने निकले थे। अस्पताल की व्यवस्था से जिलाधिकारी खासे असंतुष्ट दिखाई पड़े। उन्होंने सीएमएस डॉ एसके शुक्ला से ड्यूटी से गायब डाक्टरों के बारे में सवाल किया। सीएमएस ने जिलाधिकारी को गुमराह करने के लिए उन्हें रात्रि के आन काल डाक्टर बताया। जिलाधिकारी ने सीएमएस को तत्काल काल कर बुलाने का निर्देश दिया। हैरानी के बात यह रही कि सीएमएस के काल करने के बाद भी उनके आन काल डाक्टर ड्यूटी पर नहीं आ सके। जिलाधिकारी ने सभी को नोटिस जारी कर कारण बताने का निर्देश दिया है।

जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी को पिछले कई दिनों से मेडिकल कॉलेज में रात्रि इलाज के बाबत डाक्टरों के न होने की सूचना मिल रही थी। बीती रात करीब साढ़े आठ बजे जिलाधिकारी खुद सामान्य नागरिक की भांति अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल की इमरजेंसी में उन्होंने जूनियर डाक्टर अंबुज व कुछ पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर पाया। इसके बाद वह सीधे लेबर रूम पहुंचे, जहां उन्हें जूनियर डॉक्टर एवं सीनियर डॉक्टर गायनेकोलॉजिस्ट ड्यूटी पर तैनात मिले। जिलाधिकारी के निरीक्षण की भनक लगते ही सीएमएस डॉ एसके शुक्ला कुछ मेडिकल स्टाफ के साथ पहुंचे।

जिलाधिकारी ने सीएमएस से ड्यूटी पर डॉक्टर व स्टाफ के कम होने का सवाल किया। जवाब में सीएमएस ने ड्यूटी से गायब चिकित्सक एवं पैरामेडिकल को आन काल ड्यूटी बता कर बचाव करने की कोशिश की। इस पर जिलाधिकारी ने उन्हें तत्काल काल पर ड्यूटी पर आने का निर्देश देकर फोन कराया। जिलाधिकारी ने सभी कथित आन काल डाक्टर व स्टाफ को अस्पताल पहुंचने को 30 मिनट का समय दिया। इस बीच जिलाधिकारी व सीएमएस के सामने कोई भी आन काल बताए गए चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित नहीं हो सके। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस से नाराजगी जाहिर करते हुए चिकित्सालय में एनेस्थिस्ट, सर्जन, पीड्रियाटीशियन, फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक डॉक्टर समेत सभी अनुपस्थित मिले लोगों की जवाबदेही तय करने को नोटिस देने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी मधुसूदन ने कहा कि सीएमएस अस्पताल में इलाज के बाबत तैनात डाक्टर व अन्य स्टाफ के लिए यह सुनिश्चित करें कि वह जिला मुख्यालय में आवासित होकर ड्यूटी करें। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि प्रयागराज या अन्य जनपद से आकार ड्यूटी करने वाले डाक्टर व स्टाफ के सूची बना कर उन्हें भेजें, ताकि शासन को पत्र भेज कर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियाें पर कड़ी कार्यवाही कराई जा सके।

जिलाधिकारी इसके बाद अस्पताल के एनआरसी सेंटर पहुंचे। उन्होंने वहां पर इलाज के लिए भर्ती किए गए बच्चों का हाल, उपस्थित एटेंडेंट व ड्यूटी स्टाफ से जानी। उन्हें बताया गया कि यहाँ पर छोटे बच्चे रखे गये हैं, जिनमें कई लो-वेट के हैं। इस पर जिलाधिकारी ने बच्चों का विशेष ध्यान देने हेतु ड्यूटी पर उपस्थित एटेंडेंट को निर्देशित किया। लो-वेट बेबी की समुचित देखभाल करें ताकि वे जल्दी इन्प्रूव करके अपने घर जा सकें।

जिलाधिकारी अंत में वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के समय वन स्टाप सेंटर में 10 लड़कियां मिली। ड्यूटी पर तीन लोग, जिनमें एक काउन्सर, एक महिला एवं एक पुरूष होमगार्ड उपस्थित थे। जिलाधिकारी वन स्टाफ सेंटर की साफ सफाई से बेहद नाराज हुए। उन्होंने तत्काल जिला प्रोबेशन अधिकारी को साफ सफाई व पिछले साल प्राप्त आवंटित बजट के दस्तावेज़ से साथ ब्रहस्पतिवार की सुबह दफ्तर में तलब किया है। उन्होने सेंटर मैनेजर को कार्य मनाक एवं गुणवत्ता के अनुसार ही करने का निर्देश दिए हैं।

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