नई दिल्ली, 04 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के बीच आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस माैके पर गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शांतिपूर्ण, समृद्ध और उग्रवाद-मुक्त नॉर्थईस्ट के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है यह मिल का पत्थर साबित होगा। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा, गृह मंत्रालय और त्रिपुरा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन पूरे देश और त्रिपुरा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) ने 35 साल से त्रिपुरा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने और पूरे त्रिपुरा के विकास के प्रति अपनी कटिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जबसे नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब से शांति और संवाद के माध्यम से एक सक्षम और विकसित नॉर्थईस्ट की कल्पना उन्होंने देश के सामने रखी है।
शाह ने कहा कि नॉर्थईस्ट के लोगों और दिल्ली के बीच बड़ा फासला था जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने सड़क, रेल और विमान के ज़रिए तो कम किया ही है, साथ ही दिलों के बीच की दूरी को भी पाटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अष्टलक्ष्मी कॉन्सेप्ट और पूर्वोदय को मिलाकर त्रिपुरा सहित पूरे नॉर्थईस्ट के विकास का संकल्प लिया है जिसमें आज का समझौता एक मील का पत्थर साबित होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का ये समझौता नॉर्थईस्ट के लिए 12वां और त्रिपुरा से जुड़ा तीसरा समझौता है। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के माध्य़म से अब तक लगभग 10 हज़ार उग्रवादी हथियार छोड़कर मेनस्ट्रीम में आए हैं। इन 12 समझौतों के ज़रिए दोनों तरफ से हज़ारों लोगों की मृत्यु के कारण को रोकने की बड़ी पहल की गई है। आज के समझौते के तहत 328 से अधिक सशस्त्र कैडर हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर न सिर्फ विकसित त्रिपुरा बल्कि विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान दे सकेंगे। सरकार इस समझौते का भी पूरी तरह पालन करेगी और गृह मंत्रालय सभी की अपेक्षाओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेगा।
शाह ने कहा कि भारत सरकार ने सभी समझौतों में उस क्षेत्र के विकास और उनके द्वारा हथियार उठाने के कारणों को खत्म करने के लिए दिल से और संवेदनशीलता के साथ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने त्रिपुरा की जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए 250 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंज़ूरी दी है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी समझौतों को अक्षरश: ज़मीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि ब्रू-रियांग समझौता होने के बाद आज हज़ारों ब्रू-रियांग भाई अपने घरों में रह रहे हैं, उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनके रोज़गार की चिंता की जा रही है और भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ उन्हें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर एक सशक्त त्रिपुरा के निर्माण की दिशा में काम करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2015 में ही त्रिपुरा से एएफएसपीए को हटा लिया था, अधिकांश नॉर्थईस्ट से भी एएफएसपीए को हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सशस्त्र बलों की जगह विकास के माध्यम से नॉर्थईस्ट की जनता, विशेषकर आदिवासी समूहों, की संस्कृति, भाषा, पहचान आदि को संरक्षित रखते हुए पूरे नॉर्थईस्ट के विकास के प्रति कटिबद्ध है। आज हुए समझौते के तहत एनएलएफटी और एटीटीएफ ने हिंसा का रास्ता छोड़ने, अपने सभी हथियार और गोला-बारूद डालने और अपने सशस्त्र संगठनों को भंग करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा एनएलएफटी और एटीटीएफ के शस्त्र कैडरों ने कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने और देश की अखंडता को बनाए रखने पर भी सहमति जताई है।
इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ माणिक साहा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का पूरे नॉर्थईस्ट में शांति, समृद्धि और सद्भावना स्थापित करने के लिए आभार प्रकट किया।