गुवाहाटी, 04 सितंबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज राजभवन में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव गुरु की तिरुभाव तिथि (पुण्यतिथि) के अवसर पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रीमंत शंकरदेव के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए, राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं श्रीमंत शंकरदेव के पवित्र चरणों में गहरी श्रद्धा के साथ नमन करता हूं। गुरुजन ने न केवल एक सरन नाम धर्म के दिव्य सार के माध्यम से असमिया साहित्य और संस्कृति की मजबूत नींव रखी, बल्कि जाति, पंथ और सामाजिक भेदों की बाधाओं को भी खत्म कर दिया। मानवता के लिए संकट के दौर में श्रीमंत शंकरदेव ने एक सशक्त समाज की स्थापना की जो आज भी हमें प्रेरित करता है।”
उन्होंने लोगों से गुरुजन की शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह किया और कहा कि श्रीमंत शंकरदेव के दर्शन और शिक्षाएं सभी कमियों और समस्याओं का उत्तर हैं। राज्यपाल ने कहा, “आइए हम सभी श्रीमंत शंकरदेव के दर्शन के तहत एकजुट हों और असम के लिए अपने सपनों को एकता के सूत्र से बुनें, अपने राज्य को उसके गौरव के शिखर पर ले जाएं।”
राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी वैष्णव संत को श्रद्धांजलि दी।