दस गीगावाट एसीसी बैटरी इकाई के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को मिला ठेका

-एमएचआई ने पीएलआई एसीसी योजना के तहत 10 गीगावाट घंटा क्षमता प्रदान की

नई दिल्ली, 04 सितंबर (हि.स.)। रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को पीएलआई योजना के तहत 10 गीगावाट घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज प्लांट का ठेका मिला है। सरकार ने गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) प्रणाली के आधार पर पीएलआई योजना के तहत आरआईएल को 10 गीगावाट घंटा एसीसी क्षमता की बैटरी इकाई का ठेका दिया है। इससे आरआईएल को एसीसी बैटरी बनाने के लिए 3,620 करोड़ रुपये की छूट मिली है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड को पीएलआई योजना के तहत 10 गीगावाट घंटा एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज प्लांट का ठेका मिला है। एमएचआई ने एसीसी बैटरी स्टोरेज के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए आरआईएल को सफल बोलीदाता घोषित किया है। इसके तहत आरआईएल को क्यूसीबीएस तंत्र पर आधारित पीएलआई योजना के तहत 10 गीगावॉट एसीसी क्षमता प्रदान की गई है।

मंत्रालय ने बताया कि एसीसी बैटरियां ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी की एक नई पीढ़ी हैं जो विद्युत ऊर्जा को संग्रहीत और परिवर्तित कर सकती हैं। इनका उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और पावर बैकअप शामिल हैं। केंद्र सरकार ने भारत में बैटरी भंडारण पारिस्थितिकी तंत्र और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एसीसी बैटरी भंडारण पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी थी।

ये योजना देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी स्टोरेज के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी। इसमें भारत में गीगा स्केल एसीसी और बैटरी विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना करके भारत की एसीसी की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की परिकल्पना की गई है, जिसमें अधिकतम घरेलू मूल्य संवर्धन पर जोर दिया जाएगा। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

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