नई दिल्ली, 04 सितम्बर (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के आरोपित शरजील इमाम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि 7 अक्टूबर को जमानत याचिका सुनवाई के लिए लिस्टेड है।
सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील ने कहा कि शरजील की जमानत याचिका पिछले 28 महीनों से लंबित है। उसकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए। जमानत याचिका में कहा गया है कि शरजील इमाम 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में है। इसके पहले कड़कड़डूमा कोर्ट ने 17 फरवरी को शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, 30 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट को शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर 17 फरवरी तक सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने सवाल उठाया था कि क्या यूएपीए के तहत आधी सजा पूरी करने के बाद अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए के तहत जमानत पाने का हक है।
शरजील की वैधानिक जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध की गंभीरता को नजरंदाज़ नहीं किया जा सकता है। दिल्ली पुलिस का कहना था कि सिर्फ इसलिए कि आरोपित ने उसके ऊपर दर्ज मामलों में मिलने वाली अधिकतम सजा का आधा हिस्सा जेल में बिता लिया है, इस आधार पर ज़मानत नहीं दी जा सकती है। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज की थी।