हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से दो एनएच सहित 116 सड़कें बंद, तीन पुलों को नुकसान

शिमला, 4 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में सितंबर महीने में भी मानसून कहर बरपा रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिनों से हो रही व्यापक वर्षा का सामान्य जनजीवन पर खासा असर देखा गया है। भूस्खलन से कई सड़कों के अवरुद्ध होने और बिजली ट्रांसफार्मरों के खराब होने से परिवहन व जलापूर्ति प्रभावित हुई है।

मौसम विभाग ने आज बुधवार को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि वीरवार से भारी बारिश में कमी आने की सम्भावना है। पांच से 10 सितंबर तक प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। सुखद बात यह है कि इस अवधि के दौरान किसी तरह की चेतावनी व अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन की वजह से दो नेशनल हाइवे और 116 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा तीन पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। शिमला जिला में 45, मंडी में 30, सिरमौर में 19, कांगड़ा में 10, कुल्लू में आठ और सोलन में चार सड़कें बंद है।

सिरमौर जिला में नेशनल हाइवे-707 हेनधार औऱ किन्नौर जिला में नेशनल हाइवे-पांच निगुलसुरी में बाधित है। लाहौल-स्पीति में चिचोउँग पुल, ऊना जिला में सन्तोषगढ़ सड़क पर रामपुर पुल और कांगड़ा जिला के पालमपुर उपमण्डल में इंदौरा पुल को बारिश व भूस्खलन से क्षति पहुंची है। राज्य में 228 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। कुल्लू में 93, मंडी में 75, सोलन में 55 और चम्बा जिला में पांच ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है। भारी वर्षा से तीन जिलों में 11 पेयजल स्कीमें भी बंद हैं। शिमला में आठ, बिलासपुर में दो और सिरमौर में एक पेयजल स्कीम प्रभावित है।

कुल्लू के कसौल में सबसे ज्यादा बरसे बादल

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक कुल्लू जिला के कसौल में सर्वाधिक 87 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। कण्डाघाट में 66, कटुआला में 65, शिमला में 54, बिलासपुर में 50, नैनादेवी में 42 और मेलरान में 40 मिमी वर्षा हुई।

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