शराब घोटाले में जेल में बंद अनवर ढेबर के फेवर करने के मामले में डॉ. प्रवेश शुक्ला बर्खास्त

रायपुर, 3 सितंबर (हि.स.)। दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल(डीकेएस) में सुविधा होते हुए भी सुविधा नहीं होने का हवाला देकर शराब घोटाले में बंदी अनवर ढेबर के फेवर करने के मामले में डॉ. प्रवेश शुक्ला को बीती देर शाम बर्खास्त कर दिया गया है। डॉ. शुक्ला, जो दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में सहायक प्राध्यापक थे। यह कार्रवाई दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक ने की है। डॉ. शुक्ला के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी ।

डॉ. प्रवेश शुक्ला के बर्खास्तगी के आदेश में कहा गया है कि रायपुर जेल के प्रहरी ने विचाराधीन बंदी अनवर ढेबर को ईलाज के लिए लाया था। ओपीडी पर्ची में डॉ. शुक्ला ने लिखा था कि एंडोस्कोपी डीकेएस चिकित्सालय में नहीं होती है, जो कि गलत था। 8 जून 2024 को डीकेएस के विभिन्न विभागों में 5 केस एंडोस्कोपी हुई थी। जेल के विचाराधीन बंदी अनवर ढेबर के इलाज की पर्ची में इस प्रकार का टीप लिखना उचित नहीं था, क्योंकि डीकेएस के ओटी में इन्डोस्कोपी किसी भी विभाग से लेकर किया जा सकता था।जेल के विचाराधीन बंदी अनवर ढेबर के ईलाज के संबंध में आपने उच्च चिकित्सक/अधिकारी से मार्गदर्शन लेना भी जरूरी नहीं समझा।बर्खास्तगी के पत्र में लिखा गया है कि जेल के विचाराधीन बंदी अनवर ढेबर के इलाज के संबंध में डॉ. शुक्ला ने उच्च चिकित्सक और किसी अधिकारी से मार्गदर्शन लेना जरूरी नहीं समझा।

ओपीडी पर्ची में जानबूझकर इस प्रकार का टीप लिखा गया।जिससे विचाराधीन बंदी को बचाया जा सके। पत्र कमांक 2 और 3 के माध्यम से चिकित्सालय में डॉ. शुक्ला की उपस्थिति के संबंध में तथा मरीज के इलाज के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया था, लेकिन डॉ. शुक्ला की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण मान्य नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि डॉ. शुक्ला ने छत्तीसगढ़ शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं अस्पताल अधीक्षक के निर्देश व आदेश का पालन नहीं किया है।यह गंभीर अनुशासहीनता की श्रेणी में आता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लघंन है।इसलिए आपकी सेवा समाप्त/बर्खास्त की जाती है तथा उपरोक्त प्रकरण की जांच के लिए थाना गोलबाजार में कार्रवाई की जाएगी।

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