गांधीनगर, 01 सितंबर (हि.स.)। वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी के 18वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन रविवार को गांधी नगर के नेशनल फॉरेंसिक साइंसेस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) में हुआ। पांच दिवसीय इस सम्मेलन का विषय है- “फॉरेंसिक एंड कंटेपररी पर्सपेक्टिव इन विक्टिमोलॉजी एंड विक्टिम असिस्टेंस”। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी। उनके साथ भारत में मंगोलिया के राजदूत गेनबोल्ड दमबजाव, वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी के अध्यक्ष प्रो. जेनिस जोसेफ, उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश कल्पेश झवेरी और एनएफएसयू के कुलपति डॉ. जेएम व्यास मंच पर उपस्थित थे।
भारत में पहली बार विक्टिमोलॉजी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, ताइवान, जर्मनी और मंगोलिया के विक्टिमोलॉजी के पेशेवर और प्रैक्टिशनर्स भी शामिल हुए हैं। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जितेंद्र कुमार माहेश्वरी ने न्याय में पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ जांच के दौरान, ट्रायल में सबूत पेश करने में और समाज में पीड़ितों के पुनर्स्थापन और पुनर्वास में अपराध से प्रभावित लोगों की मदद करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने जोर देकर कहा कि इन प्रक्रियाओं में फॉरेंसिक साइंस प्रोफेशनल्स की विशेषज्ञता अनमोल है।
पद्मश्री डॉ. जे.एम. व्यास ने विक्टिमोलॉजी सम्मेलन के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फॉरेंसिक और क्लिनिकल साइकोलॉजी के माध्यम से अपराध और प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों को सहायता, उनके पुनर्वास में मदद करने के लिए सम्मेलन निर्णायक भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, सम्मेलन पीड़ितों के पुनर्स्थापन, पुनर्वास और वित्तीय मुआवजे के लिए मूल्यवान कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।
वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी के अध्यक्ष प्रो. जेनिस जोसेफ ने भी उद्घाटन सत्र कोसंबोधित किया। प्रो. एसओ जुनारे (कैंपस डायरेक्टर- एनएफएसयू, गांधीनगर) ने उद्घाटन समारोह में गणमान्य व्यक्तियों और सहभागियों का स्वागत किया। उद्घाटन समारोह के दौरान, प्रो. पूर्वी पोखरियाल (ऑर्गनाइजिंग चेयर, डब्ल्यू एस वी); एनएफएसयू के छात्र और विभिन्न देशों के पेशेवर और विक्टिमोलॉजी के प्रैक्टिशनर्स भी उपस्थित थे।