धमतरी, 31 अगस्त (हि.स.)। ग्रामीण अंचल के प्रमुख पर्व पोला दो सितंबर को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। पर्व की तैयारी को लेकर पिछले कुछ दिनों से शहर के बाजार में मिट्टी व लकड़ी के बैल और छोटे-छोटे खिलौने बिक रहे हैं। पर्व आने में अब सिर्फ तीन दिन शेष है। बच्चों में पोला पर्व को लेकर काफी उत्साह है। बाजार में भी रौनक लौट आई है।
शहर के मकई चौक, रत्नाबांधा, रामबाग बाजार समेत ग्रामीण अंचलों में नादिया बैल व पोला जाता बिक्री के लिए फुटपाथ पर दुकानें सज रही है। पूछपरख करने के साथ बाजार में खरीदी भी शुरू हो गई है। पोला पर्व के दिन इन मिट्टी के बैल और खिलौनों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। शहर के घड़ी चौक के पास नांदिया बैल व पोला जाता बिक्री करने पहुंची सोमलता कुंभकार, उमा कुंभकार, लक्ष्मी कुंभकार, मोहनी कुंभकार, लता कुंभकार ने बताया कि 30 रुपये से लेकर 200 रुपये तक छोटा-बड़ा बैल बेच रहे हैं। वहीं लड़कियों के लिए पोला-जाता 80 से 120 रुपये तक बिक रहा है। त्याेहार नजदीक आने के साथ बिक्री शुरू हो गई है। लोग खरीदकर भी ले जा रहे हैं। 29 अगस्त को मौसम खराब होने और हल्की बारिश होने की वजह से बिक्री कम रहा, लेकिन मौसम खुलने के साथ बिक्री बढ़ने की संभावना है। हालांकि बदलते समय के साथ अब पहले जैसा उत्साह इस पर्व में देखने को नहीं मिलता, फिर भी हर साल व्यवसाय ठीक हो जाता है, जिससे वे संतुष्ट है। पहले पोला पर्व की तैयारी पखवाड़े भर पहले से शुरू हो जाती थी, अब तो पर्व के कुछ दिन पहले ही चहल-पहल दिखती है। महंगाई के चलते अब मिट्टी के घड़े, खिलौने व अन्य सामग्री तैयार करना मुश्किल होते जा रहा है। लकड़ी, भूंसा, मिट्टी सब पास के तालाबों से लाई जाती है। कच्चे सामग्रियों की बढ़ी हुई कीमत के कारण अब इस व्यवसाय में पहले जैसा मुनाफा नहीं रहा है। धमतरी शहर के टिकरापारा निवासी आनंद प्रजापति ने बताया कि वे पिछले दो साल से लकड़ी से निर्मित बैल बेचते आ रहे हैं। बबूल की लकड़ी से निर्मित बैल की कीमत 50 से 100 रुपये बिक रहा है। पिछले साल अच्छी बिक्री हुआ था, इस साल भी बिक्री की उम्मीद है।