कोलकाता, 30 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को कोलकाता पुलिस को नोटिस जारी कर 27 अगस्त को ‘नवान्न अभियान’ के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस के बल प्रयोग पर स्पष्टीकरण मांगा है। यह अभियान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म एवं हत्या के विरोध में चलाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक एनएचआरसी ने कोलकाता पुलिस से अगले 14 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। आयोग का मानना है कि सोशल मीडिया पर छात्रों के एक समूह द्वारा बुलाए गए नवान्न अभियान में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
इस बीच, इस अभियान का आह्वान करने वालों में से एक सायन लाहिरी ने शुक्रवार को अपने वकील के माध्यम से कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपनी रिहाई की मांग की है। उनके वकील ने अपनी याचिका में शहर पुलिस पर उनके मुवक्किल को झूठे आरोपों में गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त की दोपहर को हावड़ा समेत पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों के बाद युद्धक्षेत्र में बदल गए थे। राज्य सचिवालय ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग करने को कहा था। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इस संबंध में कुल 220 गिरफ्तारियां की गईं। इसके अलावा अभियान से पहले 25 लोगों को एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। शहर पुलिस ने कहा था कि अगर ये एहतियातन गिरफ्तारियां नहीं की जातीं तो स्थिति और खराब हो सकती थी।