जगदलपुर के बाकेल में मतांतरित परिवार के मूल धर्म में वापसी के बाद दी शव के अंतिम संस्कार की अनुमति

जगदलपुर, 30 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धर्मांतरण का मामला लगातार सामने आ रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में जागरुकता भी देखी जा रही है। ताजा मामला बस्तर ब्लॉक के बाकेल गांव का है जहां पर धर्मांतरित परिवार में एक की मृत्यु के बाद कफन-दफन को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गयी। पुलिस एवं प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचकर विवाद को शांत कराने का प्रयास करता रहा।

मृत व्यक्ति ईसाई धर्म का प्रचारक था। स्थानीय लोग मृतक के परिवार को मूल धर्म में वापसी करने के बाद ही कफन-दफन करने पर अड़े रहे। विवाद के बीच धर्मांतरित परिवार अंततः मूल धर्म में वापसी के लिए तैयार हाे गया। पुलिस व ग्रामीणों के समक्ष धर्मांतरित परिवार ने मूल धर्म में वापसी को लेकर लिखित प्रतिवेदन दिया। इसके बाद मूल धर्म के रीति रिवाज के साथ पुजारी, नाईक, पाइक व ग्रामीणों ने वापसी करवाई। मूल धर्म में वापसी के बाद ग्रामसभा ने गांव में शव का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी।

ग्राम सभा में मृतक काशीनाथ बघेल की पत्नी शांति बघेल ने 29 अगस्त को आवेदन किया कि लगभग 20 वर्ष पूर्व उनका परिवार माहरा समाज से ईसाई धर्म में मतांतरित हुआ था। उनके पति की अचानक मृत्यु 28 अगस्त को हो गई। शांति बघेल ने ग्राम बाकेल की ग्राम सभा और ग्राम प्रमुख से अपने परिवार समेत माहरा समाज में शामिल होने की अनुमति मांगी ताकि उनके मृत पति का समाज के रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा सके। इस संबंध में थाना भानपुरी के प्रभारी को भी सूचना दी गई। इसके बाद शुक्रवार को समाज की प्रथा के अनुसार मृतक काशीनाथ बघेल का अंतिम संस्कार किया गया।

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