नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अनंतिम रूप से 401.65479 एकड़ में फैली अचल संपत्तियों को जब्त किया है। इसकी कीमत 834.03 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के गुरुग्राम, हरियाणा और दिल्ली में स्थित 10 गांवों में भूमि के रूप में 401.65479 एकड़ में फैली अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से जब्त की गई है। जांच एजेंसी के मुताबिक इसका मूल्य 834.03 करोड़ रुपये है, जो मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (501.13 करोड़) और मेसर्स एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड (332.69 करोड़) से संबंधित है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के द्वारा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, ईएमएएआर एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर इसकी जांच शुरू की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक इन लोगों के ऊपर आईपीसी 1860 और भष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में बड़े पैमाने पर जनता, जमीन मालिकों और हरियाणा राज्य के साथ जमीन की खरीद-बिक्री में की गई धोखा-धड़ी मिल है।