असम में 9. 35 लाख लाेगाें काे आधार कार्ड आधारित सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ

केंद्र सरकार ने असम के 9. 35 लाख लाेगाें के लाॅक किए गए बायोमेट्रिक को खोला: मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 28 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) की प्रक्रिया के सिलसिले में 9. 35 लाख लाेगाें के लाॅक किए गए बायोमेट्रिक को केंद्र सरकार ने खाेल दिया है। इससे इन लोगों के आधार कार्ड आधारित सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ

हो गया है।

मुख्यमंत्री डॉ सरमा बुधवार को असम सचिवालय के लोक सेवा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डाॅ सरमा ने बताया कि एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान असम में फरवरी, 2019 से लेकर अगस्त, 2019 तक जो भी व्यक्ति आधार कार्ड बनवाने गया था, उसका बायोमेट्रिक जब्त कर लिया गया था। इनमें सभी प्रकार के लोग शामिल थे। असम के प्रायः सभी जिलों में इस प्रकार के मामले थे। बायोमेट्रिक जब्त होने की वजह से लोग आधार पर आधारित सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसको लेकर राज्य सरकार ने एक कैबिनेट उप समिति का गठन किया था। इस समिति ने असम छात्र संघ समेत विभिन्न संगठनों के साथ इस मुद्दे को लेकर बैठकें की। सब कमेटी ने पाया कि आधार का एनआरसी से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। इस संबंध में असम सरकार ने 19 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सॉलिसिटर जनरल से परामर्श करने के बाद 27 अगस्त को इन सभी बायोमेट्रिक पर लगी राेक को हटा दिया गया। अब आधार से वंचित असम के 9 लाख 35 हजार 682 लोगों काे आधार कार्ड आधारित सभी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इसकी जानकारी दी थी। बायोमेट्रिक को निषेधाज्ञा मुक्त करने के लिए उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री को असम सरकार की ओर से धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री के साथ राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु, पर्यटन आदि मामलों के मंत्री जयंत मल्लबरुवा, कैबिनेट मंत्री केशव महंत भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने असम विधानसभा के बजट अधिवेशन के दौरान आश्वासन दिया था कि छह महीने के अंदर आधार से संबंधित बायोमेट्रिक लाॅक मुक्त कर दिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से आधार से वंचित लोग प्रसन्न है।

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