अगरतला, 27 अगस्त: मुख्यमंत्री प्रोफेसर डाॅ. माणिक साहा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बाद का रिस्पांस पीरियड हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है प्रशासन के प्रभारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए कि राहत और क्षति की वसूली में कोई कमी न हो। यदि कोई शिकायत हो तो उसके त्वरित समाधान के लिए सभी को आगे आना चाहिए
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री प्रोफेसर डाॅ. माणिक साहा ने कहा कि 19 अगस्त के बाद से राज्य प्रशासन के शीर्ष स्तर से लेकर मैदानी स्तर तक जो कार्यकर्ता अथक परिश्रम कर रहे हैं, वे निस्संदेह आभारी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ की समग्र स्थिति का जमीनी स्तर पर अवलोकन करने के लिए कल राज्य में आ रही केंद्रीय निगरानी टीम के समक्ष राज्य में बाढ़ की समग्र भयावह स्थिति की सही तस्वीर पेश करना आवश्यक है। इस बाढ़ से 15 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है, जिसका जिक्र सर्वदलीय बैठक में पहले ही किया जा चुका है उन्होंने आशंका जताई कि विभिन्न विभागों की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षति की मात्रा बढ़ सकती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति के बाद जिन प्रमुख मुद्दों को प्राथमिकता देने की जरूरत है, वे हैं स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, कृषि एवं बागवानी, बिजली और सिंचाई. मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए सड़कें खोलने के महत्व पर जोर दिया
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य पर कोई समझौता नहीं है पेयजल के शुद्धिकरण के लिए ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन टेबलेट और ओआरएस सहित आवश्यक दवाएं असम से मंगाई जाएं। उन्होंने कहा, नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया लंबी होती है इस स्थिति से निपटने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है उन्होंने कहा, आम लोगों ने स्वत:स्फूर्त होकर मदद की बैठक में उन्होंने अपनी राय रखते हुए कहा कि सरकार के काम से ही लोग आगे आ रहे हैं
बाढ़ की स्थिति पर समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव जेके सिन्हा ने मौजूदा राहत शिविरों को प्राथमिकता देने को कहा. विशेषकर भोजन, पेयजल, वस्त्र आदि पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है इसके अलावा उन्होंने दौरे पर आये केंद्रीय निगरानी दल को क्षति की विस्तृत सचित्र जानकारी प्रस्तुत करने पर जोर दिया.
राज्य के पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य है राष्ट्रीय सड़कों और राजमार्गों पर आवश्यक गश्त की व्यवस्था की गई है बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है, जहां चोरी और तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं।
आज की समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के सचिवों ने बाढ़ से हुई क्षति की बुनियादी जानकारी प्रस्तुत की राजस्व विभाग के सचिव बिजेश पांडे ने बताया कि राज्य में अब तक 492 राहत शिविर संचालित हो रहे हैं करीब 72,000 लोग शिविरों में हैं सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है उन्होंने बैठक में नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की साथ ही बिजली, स्वास्थ्य, कृषि एवं उद्यान, पेयजल, समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा, स्वच्छता, ग्रामीण विकास, कार्य, शिक्षा, पशु संसाधन विकास, खाद्य, वन, शहरी विकास समेत संबंधित विभागों के सचिव एवं पदाधिकारियों ने नवीनतम प्रस्तुतीकरण किया. अपने-अपने विभागों की बाढ़ की स्थिति की जानकारी एवं क्षति राशि। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव मौजूद थे. पीके चक्रवर्ती