नई दिल्ली, 26 अगस्त (हि.स.)। भारत और सिंगापुर ने उभरते तथा भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने का संकल्प दोहराया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में सिंगापुर गए चार केन्द्रीय मंत्रियों के दल ने सोमवार को सिंगापुर में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) सम्मेलन के तहत पहचाने गए 6 स्तंभों पर विचार-विमर्श किया। दूसरे आईएसएमआर में सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री गान किम योंग ने किया। आईएसएमआर भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक अद्वितीय तंत्र है। इसकी पहली बैठक सितंबर, 2022 में नई दिल्ली में हुई थी।
वित्त मंत्रालय ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल चार भारतीय कैबिनेट मंत्रियों ने इस बैठक में भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद रहे। सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल में उप-प्रधानमंत्री गान किम योंग के साथ व्यापार एवं उद्योग मंत्री गनकीम्योंग, विदेश मंत्री विवियनबाला, गृह एवं कानून मंत्री, जनशक्ति मंत्री और व्यापार एवं उद्योग के दूसरे मंत्री टैन सी लेंग, परिवहन मंत्री और वित्त मंत्री ची होंग टैट और डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री और गृह मामलों की दूसरी मंत्री भी शामिल थीं।
इस बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने उभरते तथा भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर जोर दिया। इसके अलावा बैठक में दोनों पक्षों ने आईएसएमआर के तहत पहचाने गए छह स्तंभों पर विचार-विमर्श किया। इनमें डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा, उन्नत विनिर्माण और संपर्क शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के साथ-साथ आसियान और जी-20 सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की गई। सिंगापुर में आयोजित भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) सम्मेलन के पहले दौर की चर्चाओं के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर परिदृश्य सहयोग पर समझौता ज्ञापन सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं।