नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में महिलाओं के खिलाफ
हाे रहे अपराधाें के बारे में कड़ा संदेश देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है और दोषी कोई भी हो, वह बचना नहीं चाहिए।
लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री माेदी ने कहा, “आज मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा और राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो वह बचना नहीं चाहिए। उसको किसी भी रूप में मदद करने वाले बचने नहीं चाहिए। अस्पताल हो, स्कूल हो, दफ्तर हो या फिर पुलिस व्यवस्था के किसी भी स्तर पर लापरवाही होती है, सबका हिसाब होना चाहिए। महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए हमारी सरकार कानून को भी लगातार सख्त बना रही है।”
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त कानून बनाए हैं। नई भारतीय न्याय संहिता में भी कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। पहले की सरकारों के 7 दशक और मोदी सरकार के 10 साल की तुलना की जाए तो देश की बहन-बेटियों के लिए जितना काम उनकी सरकार ने किया है, आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने लखपति दीदी सम्मेलन में 11 लाख नई लखपति दीदियाें को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ढाई हजार करोड़ रुपये का एक रिवाल्विंग फंड जारी किया। इससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूह के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। उन्होंने 5000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण भी वितरित किया। इसे 2.35 स्वयं सहायता समूह के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज समाज और राष्ट्र के विकास में मातृ शक्ति आगे आ रही है और अपना योगदान दे रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने वादा किया था कि वह 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाएंगे। इसका मतलब है कि महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सालाना 01 लाख से अधिक कमाएंगी। लखपति दीदी केवल बहन बेटियों की कमाई बढ़ाने का अभियान नहीं बल्कि पूरे परिवार और पीढ़ियों को सशक्त बनाने तथा गांव के अर्थतंत्र में बदलाव लाने का माध्यम है।
उन्हाेंने इस दौरान नेपाल में हुए बस हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के जलगांव के अनेक साथियों को इस दुर्घटना में हमने खोया है। वे विश्वास दिलाते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूरी मदद की जाएगी।
प्रधानमंत्री माेदी ने अपनी हालिया पोलैंड यात्रा का भी जिक्र किया और कहा कि वहां की राजधानी में एक कोल्हापुर मेमोरियल है। पोलैंड के लोगों ने कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मान देने के लिए इसे बनाया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड की हजारों माताओं और बच्चों को कोल्हापुर के राज परिवार ने शरण दी थी।