सहरसा, 24 अगस्त (हि.स.)।
ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान डॉ रहमान चौक सहरसा के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बताया है क़ी कृष्णाष्टमी मे भक्त दो तरह के व्रत रखते हैं। जिसमे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव का पर्व यानि प्रभु कृष्ण का जयन्तीव्रत, कृष्णजन्माष्ट्मी 26 अगस्त सोमवार को ही है,मोहरात्रि,शक्तिपूजन भी इसी दिन है।
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार सोमवार को प्रातः 08.28 के बाद से अष्ट्मी प्रवेश कर रही है।रात 12 बजे अष्ट्मी युक्त रोहिणी नक्षत्र मे प्रभु श्री कृष्ण का जन्म होगा एवं उदय व्यापनी कृष्णाष्ट्मीव्रत एवं कृष्णपूजन और पूजनोत्सव का व्रत,जो भक्त रखते हैं वो 27 अगस्त मंगलवार को करेंगे। 28 यानि बुधवार को कृष्णाष्टमी व्रत का पारण होगा।ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने बतलाया है क़ी भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय तुलसी की पत्ती चढ़ाकर, दही,माखन,मिश्री, मोदक का भोग लगाकर मध्यरात्रि में जन्म उत्सव मनाएं,भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं।
पंचामृत मेवा, दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से बनाया जाता है।भगवान को पंचामृत का भोग लगाने के बाद प्रसाद स्वरूप पंचामृत का सेवन करें।संभव हो तो श्रीमद्भभागवत गीता का पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।कुछ भी करने मे असमर्थ हो तो,”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 108 बार या उससे अधिक बार जप सभी तरह के कष्ट दूर करता है।कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी काफी फलदायी माना जाता है।