रांची, 24 अगस्त (हि.स.)। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (26 अगस्त) के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस तिथि को रात्रि 12 बजे भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र के साथ होगा, जो हर्षण योग और जयंत योग के साथ मिलने से बेहद खास होगा। इन दुर्लभ संयोग के कारण जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले भक्तों के लिए यह बेहद पुण्यदायी होगा।
इस संबंध में शनिवार को पंडित मनोज पांडेय ने कहा कि यह अद्भुत संयोग हैं। उन्होंने कहा कि द्वापर में यही दुर्लभ संयोग बना था। रात 12 बजे जन्म के साथ ही चंद्रमा वृष राशि में और सूर्य सिंह राशि विराजमान थे। इस बार भी हर्षण योग और जयंत योग से इस पौराणिक घटना की पुनरावृत्ति हो रही है। ऐसे योग संयोगों के साथ इस व्रत को मनाने से पुण्य कई गुणा फलदायी होगी। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सुख, समृद्धि और मनोवंछित फल देने वाली मानी जा रही है।
पांडेय ने कहा कि 26 अगस्त, सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी है। इस दिन सुबह 8:20 मिनट तक सप्तमी है। इसके बाद अष्टमी शुरू होगा। रात 9:30 मिनट के बाद रोहिणी नक्षत्र आता है। इसलिए आम गृहस्थ के लिए सोमवार की रात 12 बजे ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाएगा। यह सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। वहीं, वैष्णव संतों के लिए 27 अगस्त को जन्माष्टमी होगा। दुर्वाष्टमी, रोहिणी जयंती और गोकुलाष्टमी भी मंगलवार को मनाई जाएगी।