काठमांडू, 18 अगस्त (हि.स.)। नेपाल में काठमांडू की जिला अदालत ने फर्जी भूटानी शरणार्थियों से जुड़े संगठित अपराध मामले में बिचौलिए बेचन झा की जमानत याचिका रविवार को खारिज कर दी। झा को पिछले महीने भारत से गिरफ्तार कर नेपाल पुलिस को सौंपा गया था। झा काठमांडू की जेल में बंद हैं।
आरोपित बेचन झा के खिलाफ संगठित अपराध, राज्य के खिलाफ अपराध, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। झा की जमानत याचिका पर चार दिन तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। पुलिस ने अदालत में झा के खिलाफ कई पुख्ता सबूत पेश किए लेकिन झा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया।
पुलिस की ओर से पहले दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक तत्कालीन गृहमंत्री बालकृष्ण खांड और गृह सचिव टेकनारायण पांडे धोखाधड़ी गिरोह से मिले हुए थे। तत्कालीन गृह सचिव पांडे ने अदालत के समक्ष अपने लिखित बयान में कहा था कि राजनीतिक रूप से मंत्रालय के संपर्क में रहने वाले बेचन झा ही थे जो बाहर नकली भूटानी शरणार्थी बनाए गए लोगों से पैसे वसूलते थे। पुलिस की चार्जशीट में यह भी जानकारी दी गई है कि झा के कांग्रेस के बड़े नेताओं से करीबी रिश्ते हैं।
पुलिस के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े हाई-प्रोफाइल केस माने जाने वाले भूटानी शरणार्थी कांड में अब तक दो पूर्व उपप्रधानमंत्री टोप बहादुर रायमाझी और बालकृष्ण खांड, पूर्व गृहमंत्री रामबहादुर थापा के बेटे प्रतीक थापा, पूर्व उपप्रधानमंत्री कृष्ण बहादुर महरा के बेटे राहुल महरा, पूर्व सांसद आंगटावा शेर्पा, तत्कालीन गृह सचिव टेक नारायण पांडे, पूर्व गृहमंत्री राम बहादुर थापा के सुरक्षा सलाहकार इंद्रजीत राय, नेपाल हज कमिटी के अध्यक्ष शमशेर मियां, भूटानी शरणार्थी नेता टेकनाथ रिजाल को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह रायमाझी के बेटे संदीप रायमाझी, खांड के पीए नरेन्द्र केसी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें बालकृष्ण इस समय जमानत पर बाहर हैं, बाकी सभी न्यायिक हिरासत में हैं।