दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। इसी महीने के अंत में रिलीज होने वाली फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट
बंगाल” को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म के एक दृश्य में ढोल की थाप पर
नाचते लोगों को दिखाया गया है और इस ढोल पर मुसलमानों के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का नाम लिखा हुआ है। इस दृश्य को लेकर इत्तेहाद बैनुल
मज़ाहिब ने कड़ी नाराजगी जताई है। इसे फिल्म से हटाने की मांग की है।
प्रेस
क्लब ऑफ इंडिया में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इत्तेहाद बैनुल मज़ाहिब के
अध्यक्ष मौलाना जफरुल हसन ने कहा कि किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने
की किसी को इजाजत नहीं दी जा सकती। सभी धर्मों का सम्मान
किया जाना चाहिए और ऐसा कोई भी कृत्य नहीं होना चाहिए जिससे किसी धर्म विशेष की
भावनाएं आहत हों। उन्होंने आरोप लगाया कि आजकल की फिल्मों में सस्ती
लोकप्रियता हासिल करने के लिए जान-बूझ कर ऐसे दृश्य डाले जाते हैं, जो
बिल्कुल अनुचित हैं।
संगठन के
संयोजक मौलाना हसन अली रजानी ने बताया कि भारतीय सेंसर बोर्ड ने पहले ही फिल्म से
कुछ विवादित दृश्यों को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद यह आपत्तिजनक दृश्य
फिल्म में बरकरार है और फिल्म 30 अगस्त को रिलीज होने जा रही है। इस दृश्य से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं और यह देश
की शांति और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
उपाध्यक्ष
कासिम रिज़वी, महासचिव एस के हैदर और संयुक्त सचिव इमरान ने भी इस विषय पर अपनी नाराजगी
व्यक्त की और भारतीय सेंसर बोर्ड से अपील की कि वह इस विवादास्पद दृश्य को फिल्म
से हटाने की गारंटी दे, ताकि मुस्लिम समुदाय में कोई असंतोष नहीं होने पाए।