बुंदेलखंड के 21 गांवों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की शुरू हुई बड़ी पहल
हमीरपुर, 17 अगस्त (हि.स.)। बुंदेलखंड की जमीं पर अब सागौन से हजारों किसानों की तकदीर चमकेगी। एक बार लागत लगाने के बाद किसानों को कुछ साल में ही लाखों रुपये की कमाई होगी। समूचे क्षेत्र के इक्कीस गांवों में ग्यारह सौ से अधिक किसानों ने हजारों की संख्या में फालतू जमीन पर सागौन के पौधे लगाए थे जो अब लगातार ग्रोथ कर रहे हैं। सागौन से किसान आत्मनिर्भर तो बनेंगे ही साथ ही क्षेत्र का पर्यावरण भी संरक्षित होगा।
बुंदेलखंड क्षेत्र में हर साल दैवीय आपदाओं से किसानों को बड़ा नुकसान होता है। खरीफ और रबी की फसलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का कहर बरपने से यहां के किसान बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है। कभी सूखा पड़ने से खेतीबाड़ी करने वाले किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर जाता है तो सिंचाई और अन्य समस्याओं के कारण बुंदेलखंड के तमाम इलाकों में खेत पर बिन बोई के ही खाली रह जाते हैं। ऐसे में किसानों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो जाता है। हमीरपुर जिले में पिछले दो दशकों से खेतीबाड़ी करने वाले किसानों और गरीबों के लिए धरातल पर काम करने वाली समर्थ फाउन्डेंशन एनजीओ के सचिव देवेन्द्र गांधी की पहल पर बुंदेलखंड में किसानों ने कुछ साल पहले सागौन पर दांव लगाया था।
एनजीओ के सचिव ने बताया कि एक्रीसेट हैदराबाद के मुख्य वैज्ञानिक रमेश सिंह ने किसानों का जीवन बदलने के लिए उन्हें सागौन के पौधे लगाने की सलाह दी थी जिसे लेकर हजारों किसानों ने फालतू जमीन पर सागौन के पौधे रोपित किए। अब सागौन के पेड़ लगातार ग्रोथ कर रहे हैं। बुंदेलखंड के इक्कीस गांवों में लगाए गए सागौन के पेड़ काफी बड़े भी हो गए हैं। लेकिन इनसे कमाई आने वाले कुछ सालों में होगी। एनजीओ के सचिव का कहना है कि पिछले क्षेत्र में लगाए गए सागौन के पेड़ों से सात आठ साल बाद किसान लाखों रुपये की हर साल कमाई भी करेंगे।
एक्रीसेट एनजीओ की मदद से समूचे क्षेत्र में किसानों ने लगाए है सागौन के पेड़
समर्थ फाउन्डेंशन एनजीओ के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि जालौन में 200 किसानों ने 11 हजार सागौन के पेड़ लगाये है वहीं ललितपुर में डेढ़ सौ किसानों ने 9 हजार, झांसी में 300 किसानों ने 12 हजार, बांदा में 250 किसानों ने 7 हजार, महोबा में 250 किसानों ने 13 हजार, चित्रकूट में 150 किसानों ने 17 हजार व हमीरपुर में 32 किसानों ने 5 हजार सागौन के पेड़ लगाये है। बताया कि संस्था की ओर से किसानों को मुफ्त पेड़ दिये गये है। खेतों में भी मेड़बंधी के कार्य भी संस्था की तरफ से कराये गये है।
बुंदेलखंड के 21 गांवों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की शुरू हुई बड़ी पहल
समर्थ फाउन्डेंशन एनजीओ के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि बुन्देलखंड के सभी सातों जनपदों के 21 गांवों में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिये किसान मित्र कार्यक्रम चलाये जा रहे है। जिसमें खेतों में मेड़बंधी, बागवानी और सागौन के पेड़ लगाये जा रहे है। हमीरपुर के सुमेरपुर ब्लाक में तीन गांवों में ये कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। यहां दो दर्जन से अधिक किसानों ने अपने खेतों और मेड़ों पर सागौन के पेड़ लगाये है। अगले कुछ सालों में किसानों को सागौन से लाखों रुपये का मुनाफा होगा।
आने वाले समय में सागौन से बुंदेलखंड में हजारों किसानों की बदलेगी तकदीर
समर्थ फाउन्डेशन संस्था के सचिव देवेन्द्र गांधी ने बताया कि खेतीबाड़ी करने वाले किसानों का जीवन बहुत ही बहाल है। ऐसे में एक्रीसेट एनजीओ की पहल से बुंदेलखंड के किसानों ने सागौन पर दांव लगाया है जिससे आने वाले समय में किसानों का जीवन सुधरेगा। एक्रीसेट हैदराबाद के बैज्ञानिकों ने बुंदेलखंड क्षेत्र में रिसर्च कराया था जिसमें यह देखा गया कि ज्यादातर इलाकों में किसानों के खेत खाली रहते है। खेतों की मेड़ों पर सागौन के पेड़ लगाने से अतिरिक्त कमाई होगी साथ-साथ पानी का संचय भी हो सकेगा।