सहरसा, 17 अगस्त (हि.स.)।
ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान डॉ रहमान चौक सहरसा के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया है की मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा प्रातः काल से ही हैं,जो दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। भद्रा के दौरान राखी बांधने की मनाही होती है।1.32 दिन के बाद ही राखी बांधनी चाहिए जो उचित एवं मंगलकारी होगा।
रक्षा बंधन को भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को सुरक्षा का वचन देता है। राखी को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते समय उसकी लंबी आयु की कामना करती है।हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रक्षासूत्र बांधते समय आचार्य जी संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण करते हैं।जिसमें रक्षाबन्धन का सम्बन्ध राजा बलि से स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है।
भविष्य पुराण के अनुसार इन्द्राणी द्वारा निर्मित रक्षासूत्र को देवगुरु बृहस्पति ने इन्द्र के हाथों बांधते यह श्लोक का उच्चारण किया था।
“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल”