नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खरगे ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति(एससी)व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के क्रीमी लेयर काे आरक्षण से बाहर रखने के पक्ष में नहीं है। वे यह भी चाहते हैं कि उच्चतमन्यायालय के क्रिमी लेयर संबधित फैसले काे मान्यता न मिले इसके लिए वे भरसक प्रयास करेंगे। शनिवार काे खरगे नेअपने निवास पर मीडिया से बातचीत में यह प्रतिक्रिया दी।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों ने एक फैसला दिया है, जिसमें उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के लोगों के सब-कैटेगराइजेशन के साथ ही क्रीमीलेयर की भी बात की है। उन्हाेंने कहा कि भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण बाबासाहेब के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी द्वारा आरक्षण नीति को जारी रखा गया। उन्हाेंने कहा किराजनीतिक आरक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार में भी आरक्षण एक जरूरी मुद्दा था, लेकिन अब एससी-एसटी वर्ग के लोगों को क्रीमी लेयरका कहकर आरक्षण से बाहर निकालना उनके ऊपर एक बड़ा प्रहार है।
खरगे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के लोक उपक्रमों (पीएसयूएस) निजी हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। एक तरफ देश में लाखों सरकारी नौकरियां हैं, जिनमें भर्तियां नहीं की जा रही हैं, दूसरी तरफ आप क्रीमी लेयर लाकर दलित समाज को कुचल रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और खुलकर कह सकते हैं कि एससी-एसटी वर्ग का जो मुद्दा उठा है, उसमें दलितों-वंचितों के बारे में नहीं सोचा गया। उन्हाेंने कहा कि जब तक इस देश में अस्पृश्यता है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए और रहेगा। उसके लिए हम लड़ते रहेंगे।
उन्हाेंने आगे कहा कि कर्नाटक में आज भी ऐसे कुछ गांव हैं, जहां लोगों को अंदर आने नहीं दिया जाता। जब तक देश में ऐसी चीजें चल रही हैं, आप आरक्षण खत्म नहीं कर सकते। हर राज्य में एससी-एसटी की लिस्ट अलग होती है। इसलिए इस लिस्ट से किसको कितना फायदा होता और किसको नुकसान होता है, इस विषय में हम बारीकी से सोचकर आगे कदम बढ़ाएंगे। इस मुद्दे पर राहुल गांधी भी सोच रहे हैं, उन्होंने कई बुद्धिजीवियों को बुलाकर इस विषय में चर्चा भी की है।
उन्हाेंने कहा कि हम दलितों-वंचितों की हिफाजत के लिए जो भी कर सकते हैं, वह करेंगे। उन्हाेंने कहा कि आज आरक्षण होते हुए भी हाई कोर्ट में दलित समाज के लोग नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट में भी नाम मात्र के लोग हैं। वहीं अफसरों के बड़े पदों पर भी कोई नहीं है। इतना सारा बैकलॉग होने के बावजूद आप क्रीमी लेयर कैसे लगा सकते हैं? हम इस बात को कभी सहन नहीं करेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने कहा कि इस विषय पर हम कंसल्टेशन कमेटी बनाएंगे। इस मुद्दे पर गैर सरकारी संगठनाें से मिलेंगे और उनकी राय लेंगे और सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि हम ऐसे गैर सरकारी संगठनाें को भी इसमें शामिल करें, जो कई साल से इस विषय पर काम कर रहे हैं। इसलिए हम सबकी राय लेकर आगे बढ़ेंगे।