पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मोनाल रेस्तरां केस में कैबिनेट सचिव, अटॉर्नी जनरल समेत तीन को तलब किया

इस्लामाबाद, 09 अगस्त (हि.स.)। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आज मार्गल्ला नेशनल पार्क में व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित एक मामले में मोनाल रेस्तरां के मालिक, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल और कैबिनेट सचिव को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून को राजधानी इस्लामाबाद के मार्गल्ला हिल्स नेशनल पार्क में बने मोनाल रेस्तरां समेत सभी भोजनालयों को 90 दिन के भीतर बंद करने का आदेश दिया था।

इस आदेश पर अभी तक पूरी तरह अमल नहीं हुआ है। इसे अदालत की अवमानना बताते हुए दो याचिकाएं दायर की गई हैं। तीनों को इसीलिए तलब किया गया है। 11 जून को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा की बेंच ने कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। चीफ जस्टिस ने आज याचिकाओं की सुनवाई की। उन्होंने टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्गल्ला नेशनल पार्क की राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करने का फैसला दिया, लेकिन वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष को ही उनके पद से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा कर अदालत के फैसले का उल्लंघन किया गया। उन्होंने एक निजी होटल के मालिक और कैबिनेट सचिव के बीच संबंध के बारे में भी पूछा। साथ ही कहा यह पूरा मामला प्रधानमंत्री शरीफ की जानकारी में लाया जाए।

यह दोनों याचिकाएं वकील उमर इजाज गिलानी के माध्यम से दायर की गई हैं। पहली याचिका एक नागरिक बिलाल हक की है। दूसरी याचिका इस्लामाबाद वन्यजीव प्रबंधन बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष रीना सईद खान की है। उन्हें ही इस्लामाबाद वन्यजीव प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटाया गया है। हक की याचिका में कहा गया है कि मोनाल रेस्तरां और ला मोंटाना के मालिक ने स्वेच्छा से सुविधाएं खाली तो कर दी हैं पर संरचनाओं को नष्ट नहीं किया गया है। लगभग दो महीने बाद दुर्भाग्य से रेस्तरां की एक भी ईंट नहीं हटाई गई है। स्पष्ट रूप से यह अदालत के आदेश की अवहेलना है। इसके लिए जवाबदेह कैबिनेट सचिव कामरान अली अफजल, आंतरिक सचिव आफताब दुर्रानी, ​​प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव असद रहमान गिलानी, राजधानी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष चौधरी मोहम्मद अली रंधावा आदि इस्लामाबाद वन्यजीव प्रबंधन बोर्ड को खत्म करने पर आमादा हैं। बोर्ड अध्यक्ष रीना सईद खान को इन लोगों ने 19 जुलाई को अध्यक्ष के पद से हटा दिया और उनकी जगह पर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को नियुक्त किया है। यह कदम कानूनी रूप से संदिग्ध है।

उधर, मोनाल प्रबंधन ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप 11 सितंबर को स्थायी रूप से रेस्तरां बंद करने की घोषणा की है। मोनाल रेस्तरां इस्लामाबाद के सबसे लोकप्रिय भोजनालयों में है। यह अपने शानदार प्राकृतिक दृश्यों और विविध व्यंजनों के लिए मशूहर है।

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