गुवाहाटी, 29 जुलाई (हि.स.)। रेलवे पटरियों की संरक्षा में बढ़ोतरी और रेल यात्रियों को अधिक सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करने की अपनी भूमिका का निर्वाह करने के लिए पूसी रेलवे ने ट्रैक अनुरक्षण कार्यों की दिशा में निरंतर प्रगति की है।
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने बताया कि हाल ही में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूसी रेलवे ने रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित ट्रैक संरक्षा से संबंधित कई लक्ष्यों को पार करते हुए सफलता हासिल की है।
जून के दौरान 26.38 किलोमीटर का कंप्लीट ट्रैक रिन्यूअल किया गया है। अप्रैल से जून तक इसकी संचयी प्रगति 69.65 किलोमीटर हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 59.77 फीसदी अधिक है। अप्रैल से जून तक स्लीपर नवीनीकरण में 71.75 टीकेएम की संचयी प्रगति की गयी, जो उक्त महीने के दौरान 23.69 टीकेएम (ट्रैक किलोमीटर) किया गया था। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 135.63 फीसदी अधिक है। उक्त महीने के दौरान 23 इक्विवलेंट सेटों का थ्रू टर्नआउट रिन्यूअल किया गया, जिससे अप्रैल से जून तक 48.50 इक्विवलेंट सेटों की संचयी प्रगति हुई। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 117.98 फीसदी अधिक है। अप्रैल से जून तक 49 थिक वेब स्विच (टीडब्ल्यूएस) स्थापित कर संचयी प्रगति हासिल की गई, जो उक्त महीने में 17 लगाए गए थे। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2350 फीसदी अधिक है। इसके अलावा, जून महीने में 28.34 टीकेएम की डीप स्क्रीनिंग (प्लेन ट्रैक) की गई, जिससे अप्रैल से जून तक संचयी प्रगति 145.41 टीकेएम हुआ। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 156 फीसदी अधिक है।
इसके अलावा, जून में यूएसएफडी (अल्ट्रा सोनिक फ्लॉ डिटेक्शन) मशीन द्वारा 1132.20 किलोमीटर ट्रैक का परीक्षण किया गया था, जिससे अप्रैल से जून तक 5221.60 किलोमीटर की संचयी प्रगति हुई। यूएसएफडी तकनीक का उपयोग रेल पटरियों में दरार जैसी खामियों का पता लगाने के लिए किया जाता है और संरक्षा की दृष्टि से समय पर दोषपूर्ण पटरियों को हटाया जाता है।
यह उल्लेखनीय है कि रेल यात्रियों को बेहतर आराम के साथ सुरक्षित ट्रेन यात्रा प्रदान करने हेतु रेल पटरियों को सही स्थिति में बनाए रखने के लिए पूसी रेलवे द्वारा नियमित रूप से जोन के अधीन कई ट्रैक नवीनीकरण कार्य किए जाते हैं, जिसमें खराब पटरियों, टर्न आउट, क्षतिग्रस्त स्लीपरों को बदलना और पटरियों की बलास्टिंग के साथ डीप स्क्रीनिंग शामिल है।