मुस्लिम संबंधित मुख्यमंत्री के बयान पर असम की गरमाई राजनीति

गुवाहाटी, 19 जुलाई (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा के मुस्लिम समुदाय को लेकर दिए गए एक बयान से असम की राजनीति गरमा गई है।मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर कांग्रेस और राइजर दल सहित विपक्षी दलाें ने डॉ सरमा को घेरा है।

दरअसल, मुख्यमंत्री डाॅ सरमा ने झारखंड में गुरुवार काे कहा था कि असम में मुसलमान की आबादी 40 फ़ीसदी हो गई है, जो राज्य के लिए चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर राज्य की विभिन्न राजनीतिक पार्टियाें की बयानबाजी शुरू हाे गई है।

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार संबंधी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुसलमान की बात करने लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं, वहीं दूसरी ओर हर मुद्दे पर उनकी विफलता सामने आ रही है। बाढ़ पीड़ितों को राहत देने, तटकटाव को रोकने, महंगाई को नियंत्रित करने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने से लेकर तमाम मुद्दों पर मुख्यमंत्री विफल रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष बोरा ने आरोप लगाया कि यही हिमंत बिस्व सरमा जब कांग्रेस में थे, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध एक से बढ़कर एक आरोप लगाया करते थे। हिमंत ने उन दिनों कहा था कि गुजरात में पाइप लाइन से पानी के बदले मुसलमानों का खून बह रहा है। आज वही हिमंत मुसलमान विरोधी बातें कह रहे हैं। राज्य की जनता उनको बेहतर समझती है।

राइजर दल के विधायक अखिल गोगोई ने भी मुख्यमंत्री डॉ सरमा को इस मुद्दे पर घेरा। गाेगाेई का कहना है कि हर तरह से विफल रहे मुख्यमंत्री के सामने यही एक मुद्दा है, जिसके जरिए वह चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं। गोगोई ने आरोप लगाया कि आज फिर से मुसलमान विरोधी बातें कह रहे मुख्यमंत्री डॉ सरमा बीते लोकसभा चुनाव के दौरान बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के वोट के बल पर करीमगंज सीट पर भाजपा को जिताने में कामयाब रहे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू सांप्रदायिकतावाद का झंडा लेकर चल रहे मुख्यमंत्री डॉ सरमा और मुस्लिम संप्रदायवाद का झंडा लेकर चल रहे बहादुरुद्दीन अजमल दोनों राजनीतिक रूप से एक साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदुत्व की बात करने वाले मुख्यमंत्री सही तरीके से कामाख्या मंदिर में अंबुबासी मेला का आयोजन नहीं करवा सके। इन नेताओं के अलावा भी विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मुस्लिम से संबंधित बयान पर मुख्यमंत्री काे घेरने की कोशिशें की है।

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