नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने जा रहे विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का रविवार (21 जुलाई) को उद्घाटन करेंगे। भारत की अध्यक्षता में 21 से 31 जुलाई तक आयोजित होने वाले इस विश्वस्तरीय बैठक में 165 देशों के 3100 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे।
विश्व धरोहर समिति की बैठक के बारे में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनने के बाद देश का यह सबसे बड़ा मेगा इवेंट आयोजित होने जा रहा है। यह देशवासियों के लिए गर्व की बात है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित यह बैठक मील का पत्थर साबित होने वाला है। यह मंच भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को विश्व के पटल पर रखने का सुनहरा अवसर होने जा रहा है।
शेखावत ने कहा कि विश्व धरोहर समिति की बैठक में 1199 सूचीबद्ध विश्वधरोहर के रख-रखाव की समीक्षा के साथ नए धरोहर का अवलोकन किया जाएगा। भारत की तरफ से धरोहर सूची में इस बार असम से मोईदाम के प्रस्ताव को रखा जाएगा। इस बैठक में दुनियाभर के 50 युवा भी भाग लेंगे जिसमें से 20 युवा भारत से होंगे। इस बैठक में 30 देशों के संस्कृति मंत्री भाग ले रहे हैं। इसके अलावा देश के सभी राज्यों के संस्कृति मंत्री भी भाग लेंगे। सांस्कृतिक विरासत में बेहतर दृष्टिकोण विकसित करने के मकसद से सभी राज्यों से विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है।
यूनेस्कों के राजदूत विशाल वी शर्मा ने बताया कि भारत की अध्यक्षता में पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक आधुनिक भारत के विभिन्न पहलुओं और विविध धरोहर से विश्व को रूबरू कराएगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में सॉफ्ट पावर सबसे अधिक प्रभावी है और भारत सुपर सॉफ्ट पावर है। विश्व धरोहर के मामले में भारत छठें स्थान पर है। भारत में 42 विश्व धरोहर स्मारक हैं।