नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.स.)। माल के विश्वसनीय, सस्ते और तेज परिवहन को सुनिश्चित करने वाली रेल परियोजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) अब 96.4 प्रतिशत पूरी हो चुकी है।
डीएफसी के प्रबंध निदेशक आर के जैन ने निदेशकों के साथ शुक्रवार को डीएफसी परियोजना की स्थिति पर मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 7 राज्यों के 57 जिलों से गुजरने वाली 2843 किलोमीटर लंबी यह रेल परियोजना अब 96.4 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। 1337 किलोमीटर लंबा पूर्वी कॉरिडोर लुधियाना को सोननगर से जोड़ता है और 1506 किलोमीटर लंबा पश्चिमी कॉरिडोर दादरी को मुंबई से जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि आज पूर्वी कॉरिडोर विभिन्न कोयला खदानों और कोयला विद्युत संयंत्रों के लिए फीडर रूट के साथ शत प्रतिशत संचालित है। पश्चिमी कॉरिडोर भी 93.2 प्रतिशत पूरा हो चुका है और इसके फीडर रूट विभिन्न सीमेंट प्लांटों और गुजरात के मुंद्रा, कांडला, पिपावाव और हज़ीरा आदि बंदरगाहों से जोड़ते हैं।
वर्तमान में डीएफसी पर औसतन 325 ट्रेनें प्रतिदिन चल रही हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक हैं, तथा भारतीय रेल के साथ प्रतिदिन औसतन लगभग 650 ट्रेनों का आदान-प्रदान हो रहा है। भारतीय रेलवे की 10 प्रतिशत से अधिक माल ढुलाई अब डीएफसी पर संचालित है।
न्यू रेवाड़ी कॉर्ड लाइन (1.22 किमी) की शुरुआत 14 जुलाई को की जा चुकी है, जिससे प्रतिदिन 36 चालक घंटों की बचत हुई है और कोयला ट्रेनों के पारगमन समय में 1.5 घंटे की कमी आई है।
रेवाड़ी और भाऊपुर में 2 गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल शुरू किए गए हैं, जबकि दाउदखान, सराधना और गोथंगम में 3 अधिसूचित किए गए हैं।
डीडीयू, खुर्जा, कानपुर और पालनपुर में 4 नए रनिंग रूम बनाए जा रहे हैं, जिससे चालक दल की कार्यकुशलता में सुधार होगा।
टूंडला से डीडीयू के बीच 16 जुलाई को सुपर क्रैक ट्रेन का संचालन किया गया यानि एक चालक दल के साथ लगातार 603 किमी की दौड़।