-छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की 2020-22 परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों का मामला
रायपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। सीबीआई ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की 2020-22 परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों के मामले में सोमवार को सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव के आवासीय परिसरों में तलाशी ली है। सीबीआई की टीम ने रायपुर और भिलाई में परीक्षा नियंत्रक के परिसरों पर भी तलाशी ली है और ये जांच अभी जारी है।
सीजीपीएससी केस में सीबीआई की टीम सोमवार को भिलाई पहुंची और सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। सोनवानी के नेहरु नगर के ठिकानों पर ये कार्रवाई की गई। सचिव जीवन किशोर ध्रुव के घर पर भी दबिश दी गई है। छत्तीसगढ़ में साल 2020 और 2022 की सीजीपीएससी परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर डीएसपी और सहित सीनियर पदों के चयन में गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चयन प्रक्रिया पर छत्तीसगढ़ के छात्रों और उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने सवाल खड़े किए थे।
आरोप यह भी लगाया गया है कि सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष के बेटे को कथित रूप से डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे को डिप्टी एसपी और उनकी बहन की बेटी को श्रम अधिकारी बना दिया। इसके साथ उनके बेटे की पत्नी का डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू का जिला आबकारी अधिकारी के रूप में चयन कर लिया गया। इस मामले में यह भी आरोप लगाया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों के साथ-साथ नेताओं और पदाधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी आदि के रूप में चुना गया था।
राज्य सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के मामलों की जांच के लिए पूर्व में तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन सचिव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, सभी के खिलाफ पीएस ईओडब्ल्यू/एसीबी रायपुर में अपराध क्रमांक 05/2024 और पीएस अर्जुंदा जिला-बालोद में अपराध क्रमांक 28/2024 के तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और अन्य को आरोपित बनाया है।