नई दिल्ली, 14 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का कहना है कि पिछले दो वर्षों में 27 प्रतिष्ठानों ने ईपीएफ अधिनियम के तहत मिली छूट वापस ले ली है। इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत लगभग 30 हजार कर्मचारी जुड़े हैं और कर्मचारी कोष में 1688.82 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है।
मंत्रालय का कहना है कि दावों के तेजी से निपटान, उच्च रिटर्न दर, मजबूत निगरानी और जुड़ाव में आसानी के साथ, ईपीएफओ द्वारा प्रतिष्ठानों और सदस्यों दोनों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है।
सेवाओं में सुधार के कारण, अधिक प्रतिष्ठान ईपीएफओ द्वारा दी गई अपनी छूट वापस ले रहे हैं। ये प्रतिष्ठान ईपीएफओ को अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का सीधे प्रबंधन करने देना पसंद करते हैं। इससे उन्हें अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत ईपीएफओ ने पिछले साल ईपीएफ अधिनियम के तहत छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
ईपीएफ अधिनियम की धारा 17 के तहत जो प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों के पीएफ कोष का प्रबंधन करना चाहते हैं, उन्हें छूट लेनी अनिवार्य है। इससे ईपीएफओ उन्हें वैधानिक योगदान दिए बिना अपने स्वयं के पीएफ ट्रस्ट का प्रबंधन करने की अनुमति देता है। 31 मार्च 2023 तक, 1002 छूट प्राप्त प्रतिष्ठान हैं जो 31,20,323 सदस्यों के 3,52,000 करोड़ रुपये के कोष का प्रबंधन कर रहे हैं।