बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में नई ऊर्जा और नई प्रतिबद्धता लाने के लिए प्रतिबद्ध : विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्ली, 11 जुलाई (हि.स.)। बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में सहयोग से जुड़ी क्षमता को पूरी तरह से तलाशा नहीं गया है। हमें इस स्थिति को तेजी से बदलना है। हमारा संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि हम सभी बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में नई ऊर्जा, नए संसाधन और नई प्रतिबद्धता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दिल्ली में आयोजित दूसरी बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की रिट्रीट में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि बिम्सटेक भारत के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ दृष्टिकोण, ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ दृष्टिकोण से जुड़ा है। इनसे जुड़े प्रयासों में बंगाल की खाड़ी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रिट्रीट का उद्देश्य खुले, स्पष्ट और सार्थक ढंग से विचारों का आदान-प्रदान करना है। बैंकॉक में हुई पिछली बैठक का भी यही लाभ मिला था। बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय रिट्रीट में सभी का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसका चार्टर इस साल 20 मई से लागू हो गया है। वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम के बीच जरूरी हो गया है कि हम आपस में और अधिक समाधान खोजें। क्षमता निर्माण और आर्थिक सहयोग जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों
को जल्द हासिल करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन्हें साझा और महत्वाकांक्षी बिम्सटेक विज़न के रूप में व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिट्रीट में कनेक्टिविटी, संस्थागत निर्माण, व्यापार और व्यवसाय में सहयोग, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष में सहयोग, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और सामाजिक आदान-प्रदान के साथ-साथ नए तंत्रों की खूबियों पर विचार किया जाएगा।

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