नई दिल्ली, 03 जुलाई (हि.स.)। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मानसून के मौसम के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर बाढ़ की तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया मुहैया करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में प्रभावी समाधान के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाते हुए, एनएचएआई बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर मशीनरी और जनशक्ति को शीघ्रता से जुटाने के लिए अन्य एजेंसियों, स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन के साथ समन्वय में काम कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए, एनएचएआई राज्य सिंचाई विभाग के साथ मिलकर संयुक्त निरीक्षण कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी बहते चैनल व धारा का प्रवाह नए बने राजमार्ग से बाधित न हो। हाल ही में, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे और अन्य परियोजनाओं पर सिंचाई विभाग के परामर्श से विशेष अभियान चलाया गया।
इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर, जहां भी जलभराव की संभावना है, वहां पर्याप्त पम्पिंग व्यवस्था की जाएगी। प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली के साथ-साथ राजमार्ग यात्रा ऐप का उपयोग राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को खंड पर किसी भी बाधा के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए कहा जाएगा।
पहाड़ी क्षेत्रों में जिला प्रशासन के साथ निकट समन्वय में प्रत्येक भूस्खलन संभावित स्थल पर पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी से सुसज्जित समर्पित आपातकालीन प्रतिक्रिया दल को तैनात किया गया है। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा तुरंत हटाने में मदद मिलेगी, जिससे 24×7 संपर्क संभव होगा और यातायात की सुरक्षित और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित होगी। सुरक्षित यातायात आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रत्येक भूस्खलन संभावित क्षेत्र में अस्थायी अवरोध और चेतावनी संकेत लगाए गए हैं।
एनएचएआई के अधिकारी विभिन्न संरचनाओं का भी निरीक्षण कर रहे हैं, जिनका बाढ़ का इतिहास रहा है, ताकि पुलों के आधारों व खंभों पर क्षति की पहचान की जा सके। सड़क उपयोगकर्ताओं को सावधान करने के लिए संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी संकेत लगाए जाएंगे।
मंत्रालय के अनुसार, जिन स्थानों पर भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हो सकता है, वहां जिला प्रशासन के साथ वैकल्पिक डायवर्जन योजना तैयार की गई है। साथ ही, कुछ संवेदनशील ढलानों और सुरंगों पर वास्तविक समय की निगरानी सहित भू-तकनीकी इंस्ट्रूमेंटेशन को पायलट के रूप में लागू किया गया है।