गाजीपुर, 01 जुलाई (हि.स.)। भारत सदैव से विविधताओं से परिपूर्ण देश रहा है। प्राकृतिक सम्पदाओं से लेकर यहां की लोक-रीति परम्पराएं सदैव लोक कल्याणकारी रही हैं। यहां के प्राकृतिक सम्पदाओं के रहस्यों पर शोध होना चाहिए।
यह बातें सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन मधुकर भागवत ने सिद्धपीठ हथियाराम मठ में दर्शन पूजन के बाद कैलाश भवन में उपस्थित विशिष्ट लोगों से सामान्य बातचीत के दौरान कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत गाजीपुर के एक दिवसीय यात्रा पर सोमवार दोपहर सिद्धपीठ हथियाराम मठ पहुंचे थे। जहां वह कैलाश भवन में ठहरे। सामान्य चर्चाओं के दौरान डॉ.भागवत ने कहा कि वन क्षेत्र में आदिवासी समाज आज भी वनों की उपज से अपना पेट भरता है। उनमें वह कौन सी ताकत पाई जाती हैं, इन विषयों पर भी शोध होना चाहिए।
उन्होंने कहाकि देश में तमाम ऐसी औषधीय व खाद्यान्न हमें प्रकृति देती है जो काफी लाभप्रद होता है। हमें अपने परंपरा, प्राकृतिक स्रोत, संसाधन, संस्कृति, लोकरीति पर शोध ही नहीं करना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को इसके पूर्णता से अवगत भी कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का माटी से जुड़ाव होना नितांत आवश्यक है। जिससे समाज राष्ट्र का कल्याण संभव है।
इस दौरान प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद, राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह, सुनील सिंह, सानंद सिंह, डॉ संतोष यादव, संतोष मिश्रा सहित कई लोग उपस्थित रहे।