नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संत कबीर दास की जयंती पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “संत कबीरदास जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि।”
प्रधानमंत्री ने गत 28 जून 2018 को महान संत और कवि कबीर की 500वीं पुण्य तिथि के अवसर पर उत्तर प्रदेश में संत कबीर अकादमी, मगहर के शिलान्यास कार्यक्रम के अपने भाषण का एक अंश भी साझा किया है।
इसमें उन्होंने कहा कि खुद कबीर जी ने भी कहा है- तीर्थ गए तो एक फल, संत मिले फल चार। सदगुरू मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार।। यानी तीर्थ जाने से एक पुण्य, मिलता है तो संत की संगत से चार पुण्य प्राप्त हो सकते हैं।
मोदी ने कहा कि कबीर का सारा जीवन सत्य की खोज और असत्य के खंडन में व्यतीत हुआ। कबीर की साधना मानने से नहीं, जानने से आरंभ होती है। वो जन्म के धंधे से ही नहीं, अपने कर्म से वंदनीय हो गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा कबीरदास, धूल से उठे थे, लेकिन माथे का चंदन बन गए। महात्मा कबीरदास व्यक्ति से अभिव्यक्ति हो गए और इससे भी आगे वो शब्द से शब्दब्रह्म हो गए। उन्होंने कहा कि मानवता की रक्षा, विश्व बंधुतत्व और परस्पर प्रेम के लिए कबीर की वाणी एक बहुत बड़ा सरल माध्यम है।