(अपडेट) रेलमंत्री वैष्णव रेल दुर्घटना स्थल पर पहुंचे, मृतकों की संख्या 15 पहुंची

कोलकाता, 17 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार सुबह मालगाड़ी की टक्कर लगने से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे हिस्से के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में कम-से-कम 15 यात्रियों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राज्य और केंद्र की कई एजेंसियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन यात्रियों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं जो अभी भी अंदर फंसे हो सकते हैं।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष जया वर्मा ने बताया कि मृतकों में मालगाड़ी का पायलट और सह-पायलट भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया जा रहा है।

इधर, दुर्घटनास्थल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहुंचे हैं। वे विशेष विमान से बागडोगरा हवाई अड्डे पहुंचे। उसके बाद सड़क मार्ग से दुर्घटनास्थल के करीब गए और वहां से बाइक पर बैठ कर दुर्घटनास्थल पर पहुंचे।

एक अधिकारी ने बताया कि जहां दुर्घटना हुई है वहां की सड़क बड़े वाहनों के चलने के लिहाज से संकरी होने के कारण रेल मंत्री को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिये कुछ दूरी तक मोटरसाइकिल के पीछे बैठ कर तय करनी पड़ी।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी के अनुसार, सोमवार सुबह रंगापानी स्टेशन के पास एक मालगाड़ी सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस से पीछे से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई और काफी लोग घायल हो गए। उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास मालगाड़ी के इंजन द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डब्बे पटरी से उतर गए।

दुर्घटना के बाद राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल रवाना हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।’

भीषण टक्कर के कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए। जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गया था। अधिकारी ने कहा कि खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में परेशानी उत्पन्न हो रही है।

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ममता बनर्जी ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा, ‘अभी-अभी दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में एक दुखद रेल दुर्घटना होने के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। विस्तृत जानकारी का इंतजार है, बताया जाता है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों को बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।’

एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राहत कार्यों का निरीक्षण करने और घायलों से मिलने के बाद रेल दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे।

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बाकी यात्रियों को लेकर हावड़ा रवाना हो गई है कंचनजंगा एक्सप्रेस

इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस ने बाकी यात्रियों को लेकर अप्रभावित डिब्बों के साथ कोलकाता के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने संवाददाताओं को बताया, ‘ट्रेन दुर्घटनास्थल से दोपहर करीब 12.40 बजे रवाना हुई और इसके रात आठ बजे सियालदह पहुंचने की उम्मीद है।’

दुर्घटना के कारण उत्तर बंगाल और देश के पूर्वोत्तर भाग से लंबी दूरी की रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। कोलकाता में पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना स्थल पर पटरियां अवरुद्ध होने के कारण लंबी दूरी की कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर उन्हें उनके सामान्य मार्ग के बजाय सिलीगुड़ी-बागडोगरा-अलुआबारी क्षेत्र से गुजारा जा रहा है।

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कई ट्रेनों का मार्ग बदला गया

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जिन ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है उनमें गुवाहाटी-सरायघाट एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बेंगलुरु एक्सप्रेस, एनजेपी-हावड़ा वंदे भारत, कामरूप एक्सप्रेस और उत्तरबंगा एक्सप्रेस शामिल हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित यात्रियों के परिवहन के लिए आपातकालीन आधार पर क्षेत्र से अतिरिक्त बस सेवाएं शुरू की जा रही हैं।

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इस वजह से हुई है दुर्घटना

शुरुआती आकलन से पता चला है कि मालगाड़ी के लोको पायलट ने शायद सिग्नल की अनदेखी की होगी। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सिग्नलिंग सिस्टम में कोई समस्या थी या नहीं या इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें एक-दूसरे के इतने करीब कैसे आ गईं।

दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिस्ता उन नेताओं में शामिल हैं जो बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। ट्रेन में सवार यात्रियों ने यह भी दावा किया है कि दुर्घटना के काफी देर बाद बचाव अभियान शुरू हुआ।

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