अभिनेता कार्तिक आर्यन ने अपने संघर्ष के दिनों में वित्तीय संकटों के बारे में कई बातें खुलकर व्यक्त की हैं। उन्होंने अपने वित्तीय संघर्ष के दिनों को याद किया कार्तिक के अनुसार अपने शुरुआती दिनों में वे दोस्तों से पैसे उधार लेकर जीवनयापन करते थे।
एक इंटरव्यू में कार्तिक से स्टारडम के बाद उनकी जिंदगी में आए बदलावों के बारे में कार्तिक ने जवाब दिया, “जब मैं ग्वालियर में बड़ा हो रहा था, तब हम कर्ज में थे, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मेरे करियर के लिए कर्ज लिया था। हम गरीब नहीं थे, लेकिन हम अमीर भी नहीं थे। हम ईएमआई भरने वाले लोग थे। ऐसे में आपके हर खर्च का हिसाब होता है। लंबे समय से हम पर हमारी आय से अधिक कर्ज़ था।”
कार्तिक ने कहा, “जब मैं मुंबई आया, तब भी मैंने शिक्षा के लिए उधार लिया। कर्ज मेरे जीवन का एक हिस्सा रहा है, दोस्तों से पैसे उधार लेना एक नियमित बात थी। मैं दोस्तों से पैसे उधार लेता था और कहता था कि कुछ दिन में वापस कर दूंगा। जब मैं मुंबई आया तो मुझे एहसास हुआ कि अब मुझे पैसा कमाना है, क्योंकि मैं पैसे उधार लेकर, ट्रेन से यात्रा करके थक गया था।
कार्तिक आर्यन ने बताया कि उनकी पहली फिल्म के लिए 70 हजार रुपये मिले थे। ”प्यार का पंचनामा” उनकी पहली फिल्म थी। तब से उनकी सेलरी अब काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अब वह एक फिल्म से 20 से 40 करोड़ तक कमा लेते हैं। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता उनके द्वारा कमाए गए पैसों का अच्छे से प्रबंधन करते हैं। कार्तिक कहते हैं, क्योंकि फिल्म उद्योग में काम अस्थायी है, उन्हें डर है कि अगर मेरी एक फिल्म नहीं चली तो क्या होगा।
इंटरव्यू के दौरान कार्तिक ने इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं जब भी अवॉर्ड शो में जाता था तो मुझे किसी से लिफ्ट मिल जाती थी। मैंने तय किया कि जब मेरे पास पैसे होंगे तो मैं एक कार खरीदूंगा। मैंने जो पहली कार खरीदी थी वह थर्ड-हैंड थी, लेकिन अब मैं एक कार खरीद रहा हूं, लेकिन यह मेरे लिए कोई बड़ा निवेश नहीं है। मुझे लगता है कि आपके पास अपने सपनों की कार और सपनों का घर होना अच्छी बात है। अब मैं जल्द ही अपने सपनों का घर बनाऊंगा।”