नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 दिसंबर 2000 को लाल किला हमला मामले में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की दया याचिका खारिज कर दी है। इस हमले में राजपूताना राइफल्स के तीन जवान बलिदान हो गए थे।
आरिफ एक पाकिस्तानी नागरिक है और प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सदस्य है।
अधिकारियों ने राष्ट्रपति सचिवालय के 29 मई के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि 15 मई को आरिफ की दया याचिका प्राप्त हुई थी, जिसे 27 मई को खारिज कर दिया गया।
राष्ट्रपति के 25 जुलाई 2022 को कार्यभार संभालने के बाद यह दूसरी दया याचिका है, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर, 2022 को आरिफ की समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी और मामले में उसे दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।
उल्लेखनीय है कि 22 दिसंबर, 2000 को हुए हमले में कुछ घुसपैठियों ने लाल किला परिसर में तैनात 7 राजपूताना राइफल्स यूनिट पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप तीन सैन्यकर्मी बलिदान हो गए। हमले के चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने आरिफ को गिरफ्तार किया था। मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक एक पाकिस्तानी नागरिक है, जो अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में घुसा था। आरिफ को हमले को अंजाम देने के लिए अन्य आतंकवादियों के साथ साजिश रचने का दोषी पाया गया था और ट्रायल कोर्ट ने अक्टूबर 2005 में उसे मौत की सजा सुनाई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने बाद की अपीलों में इस फैसले को बरकरार रखा।