गुवाहाटी, 13 मई (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ट्रेन यात्रा को सकुशल और सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह अपने बुनियादी संरचना को उन्नत करने और बरकरार रखने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत उपायों को निरंतर लागू कर रही है। आधुनिक संचार प्रणालियों का उपयोग चालकों और संचालकों को दृश्य सूचना प्रदान कर ट्रेन की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है। अप्रैल, 2024 के दौरान, पूसीरे ने पूरे जोन के 24 स्टेशनों पर क्लैंप टाइप लॉकिंग के साथ थिक वेब स्विच प्वाइंट मशीनें स्थापित की हैं।
पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि दक्षता और संरक्षा को और अधिक बढ़ाने के लिए, पूसीरे ने ज़ोन के अधीन कई सेक्शनों पर अपनी मौजूदा सिग्नलिंग प्रणाली में विभिन्न उन्नयन और प्रतिस्थापन किए हैं। अप्रैल, 2024 के दौरान पूसीरे ने बागराकोट और सेवक सेक्शन के बीच इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग चालू की है, जिससे सेक्शन की परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी और परिणामस्वरूप अधिक ट्रेनों की आवाजाही होगी। कई संरक्षा उपकरणों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग ऑपरेशन के लिए कटिहार मंडल के पावाखाली स्टेशन पर डेटा लॉगर स्थापित कर चालू किये गये हैं। समपार फाटकों पर संरक्षा बढ़ोतरी के लिए रंगिया मंडल में छह समपार फाटकों पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर को बदल दिया गया। तिनसुकिया, लमडिंग, रंगिया और कटिहार मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर 14.715 किमी नए सिग्नलिंग केबल बिछाए गए है। रेलवे परिसंपत्तियों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए संरक्षा उपायों के एक हिस्से के रूप में जोन के 10 स्थानों पर ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम चालू की गई है। पूसीरे के 32 समपार फाटकों पर सिस्टम प्रामाणिकता परीक्षण किये गये। सुरक्षा उपकरणों की बेहतर विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए सभी पांच मंडलों में विभिन्न क्षमताओं की कुल 916 सिग्नलिंग बैटरियां भी बदली गईं।
रेलवे प्रणाली में बुनियादी संरचनाओं का उन्नयन ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करता है और उसकी विश्वसनीयता और अनुरक्षण सीधे तौर पर रेल संचालन की क्षमता को प्रभावित करता है। अपने सभी ग्राहकों के लिए बेहतर, समयनिष्ठ और सुरक्षित रेल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए पूसीरे पूर्ण समर्पण के साथ सेवा प्रदान कर रही है।