वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो में उमड़ा जनसैलाब, एक बार फिर दिखा क्रेज

-मोदी-मोदी के गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान, रोड शो में दिखा लघु भारत का नजारा

-शंखध्वनि, पुष्पवर्षा के बीच पीएम का शाही अंदाज में स्वागत

वाराणसी, 13 मई (हि.स.)। वाराणसी संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार नामांकन करने शहर में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम को मेगा रोड शो किया। भाजपा की ओर से आयोजित रोड शो में शामिल होने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। पीएम मोदी के रोड शो में दक्षिण की शहनाई, बंगाली समाज की धुनकी और ढाक वाद्ययंत्र के साथ गुजरात का डांडिया के साथ पूरे भारत की झलक दिख रही है।

बीएचयू के सिंह द्वार लंका पर स्थित महामना मदन मोहन मालवीय के विशाल प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रधानमंत्री मोदी ने रोड शो की शुरुआत की। रोड शो में शामिल प्रधानमंत्री ने भगवा रंग का कुर्ता और सफेद रंग की सदरी पहन रखी है।

रोड शो के रथ पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। लंका से प्रधानमंत्री का रथ लाखों के हुजूम के बीच आगे बढ़ा तो लोगों ने शाही अंदाज में विजेता नायक की तरह शंखध्वनि, पुष्पवर्षा के बीच भव्य स्वागत किया। रोड शो में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों की दीवानगी एक बार देखने को मिली। मोदी-मोदी के गगनभेदी नारों से आसमान गुंजायमान रहा। प्रधानमंत्री लोगों का अभिवादन हाथ जोड़ कर स्वीकार करते रहे।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़े बजाकर गगनभेदी मोदी-मोदी, नारेबाजी के बीच गुलाब की पंखुड़ियों की बौछार प्रधानमंत्री पर की। महिला कार्यकर्ताओं और नागरिकों का उत्साह देखकर प्रधानमंत्री का काफिला भी धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा। बीएचयू प्रवेश द्वार से ही प्रधानमंत्री के रोड-शो में 500 युवा और 500 मातृशक्ति आगे-आगे चल रही थी। बीएचयू सिंह द्वार से रविदास गेट, अस्सी, शिवाला, मदनपुरा, गोदौलिया होते विश्वनाथ धाम के प्रवेश द्वार संख्या चार पर प्रधानमंत्री पहुंचेंगे। करीब छह किमी के रोड शो में लघु भारत और उत्तर प्रदेश की संस्कृति दिख रही है।

रास्तेभर शंखनाद, डमरुओं की निनाद और मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत हो रहा है। ढोल-नगाड़े की थाप पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, लोकगीत गाते बनारस के कलाकार व वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए बटुक भी अभिनंदन कर रहे हैं। वीवी सुंदरम शास्त्री के नेतृत्व में सोनारपुरा, पांडेयहवेली मार्ग पर महिलाएं भरतनाट्यम की प्रस्तुति दे रही हैं। मार्ग में वेदमंत्रों के साथ दक्षिण भारत के शहनाई के रूप में शुमार नादश सरम तो बंगाली समाज की धुनकी और ढाक वाद्ययंत्र भी गूंज रहा है। डांडिया और गरबा की भी झलक दिख रही है। भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के परिवार के सदस्य मदनपुरा के पास शहनाई वादन से अलग माहौल बनाए हुए है। मदनपुरा में ही पूर्व सांसद डॉ.राजेश मिश्रा के नेतृत्व में मुस्लिम युवा भी पुष्प वर्षा के लिए तैयार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *