नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की सिफारिश की है। पार्टी का कहना है कि स्वयं अपनी पार्टी में तानाशाही रवैया अपनाने वाले अरविंद कजेरीवाल प्रधानमंत्री को तानाशाह बता रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से की गई टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि वे भी मान चुके हैं कि देश में फिर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बन रही है। त्रिवेदी ने कहा कि हमारी पार्टी से नफरत करने वाले नेता अगर हमें 230 सीटें दे रहें हैं तो जनता अपने विवेक से अंदाजा लगा सकती है कि भाजपा की कितनी सीटें आ रही हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देते समय कहा गया था कि वे अपने केस के सही या गलत होने पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि आज अपने भाषण में केजरीवाल ने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है। यह जमानत की शर्तों का उल्लंघन है, सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तानाशाही की बात करने वाले केजरीवाल बताएं कि आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी से एक-एक कर नेता कैसे बाहर हो गए। उन्होंने प्रशांत भूषण, शाजिया इलमी, कुमार विश्वास और किरण बेदी का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हम अपने नेता लाल कृष्ण आडवाणी का सम्मान करते हैं और हमने उन्हें भारत रत्न दिया है। इसके विपरीत केजरीवाल ने अपने गुरु अन्ना हजारे को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अपनी पार्टी के किसी नेता पर कोई भरोसा नहीं है। तानाशाही की बात करने वाले केजरीवाल को कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला, जिसे वे अपने स्थान पर नेतृत्व सौंप सकें। आगे करने की बारी आई तो उन्होंने अपनी पत्नी को आगे कर दिया।